बाजार में छाई गुजरात, राजस्थान और कोलकाता की राखियां Prayagraj News
इस बार चाइनीज राखी का बाजार कम दिख रहा है। गुजरात राजस्थान व कोलकाता की राखियों ने बाजार पर कब्जा कर रखा है। दुकानें सज चुकी हैं। खरीददारों की भीड़ भी जुटने लगी है।
By Edited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 09:35 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 08:19 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। भाई बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन 15 अगस्त को है। सुदूर निवास करने वाले भाइयों को बहनें राखी पहले ही भेजती हैं ताकि सही समय पर पहुंच जाए। इसे देखते हुए शहर के मुख्य इलाकों के अलावा अन्य मोहल्लों में राखी का बाजार सज गया है। दुकानों पर अभी से भीड़ जुटने लगी है। इस बार बाजार में चाइनीज राखियों की जगह गुजरात, राजस्थान और कोलकाता की राखियां छाई हुई हैं।
बाजार में स्टोन, जरी बूटियों आदि की मांग
सिविल लाइंस में महात्मा गांधी मार्ग पर पत्थर गिरजाघर के समीप राखी का बाजार सज गया है। कटरा, चौक, अल्लापुर, राजरूपपुर, मीरापुर, तेलियरगंज, मुंडेरा, सुलेमसराय, बलुआघाट समेत शहर के बड़े-छोटे सभी बाजारों में राखियों की दुकानें दिखने लगी हैं। चाइनीज राखियाें की जगह इस बार बाजारों में स्टोन, जरी बूटियों, लाइट, लकड़ी की नक्काशी, पंजाबी लॉकेट वाली राखियों की धूम है। ब्रो, बेस्ट भाई, गणेश, कलश, वीरा, हाथी आदि डिजाइन वाली राखियां लोगों को खूब पसंद आ रही हैं।
बच्चों के लिए लाइट वाली राखी भी
चांदीयुक्त राखियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। हालांकि यह राखियां महंगी होने से आम लोग इसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं। बाजार में लाइट वाली राखियां भी हैं, जिसे लेकर बच्चों में खास क्रेज है। सामान्य राखियों की कीमत 10 रुपये से लेकर डेढ़-दो सौ रुपये तक है। चांदीयुक्त राखियां तीन-चार सौ रुपये के रेंज में बिक रही हैं।
पंजाबी लॉकेट और कलश आकार की राखियां भी लुभा रहीं
सिविल लाइंस के दुकानदार सरताज ने बताया कि चाइनीज राखियां बाजार से गायब होने से गुजरात, राजस्थान और कोलकाता से राखियां मंगवाई हैं। बताया कि ज्यादातर दुकानदार इन्हीं राज्यों से राखियां मंगाते हैं। दुकानदार पारसनाथ का कहना है कि पंजाबी लॉकेट और कलश आकार की राखियां भी काफी बिक रही हैं।
बाजार में स्टोन, जरी बूटियों आदि की मांग
सिविल लाइंस में महात्मा गांधी मार्ग पर पत्थर गिरजाघर के समीप राखी का बाजार सज गया है। कटरा, चौक, अल्लापुर, राजरूपपुर, मीरापुर, तेलियरगंज, मुंडेरा, सुलेमसराय, बलुआघाट समेत शहर के बड़े-छोटे सभी बाजारों में राखियों की दुकानें दिखने लगी हैं। चाइनीज राखियाें की जगह इस बार बाजारों में स्टोन, जरी बूटियों, लाइट, लकड़ी की नक्काशी, पंजाबी लॉकेट वाली राखियों की धूम है। ब्रो, बेस्ट भाई, गणेश, कलश, वीरा, हाथी आदि डिजाइन वाली राखियां लोगों को खूब पसंद आ रही हैं।
बच्चों के लिए लाइट वाली राखी भी
चांदीयुक्त राखियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। हालांकि यह राखियां महंगी होने से आम लोग इसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं। बाजार में लाइट वाली राखियां भी हैं, जिसे लेकर बच्चों में खास क्रेज है। सामान्य राखियों की कीमत 10 रुपये से लेकर डेढ़-दो सौ रुपये तक है। चांदीयुक्त राखियां तीन-चार सौ रुपये के रेंज में बिक रही हैं।
पंजाबी लॉकेट और कलश आकार की राखियां भी लुभा रहीं
सिविल लाइंस के दुकानदार सरताज ने बताया कि चाइनीज राखियां बाजार से गायब होने से गुजरात, राजस्थान और कोलकाता से राखियां मंगवाई हैं। बताया कि ज्यादातर दुकानदार इन्हीं राज्यों से राखियां मंगाते हैं। दुकानदार पारसनाथ का कहना है कि पंजाबी लॉकेट और कलश आकार की राखियां भी काफी बिक रही हैं।
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