हाईस्कूल की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा से इलाहाबाद रीजन का रिजल्ट धड़ाम
सीबीएसई 10वीं में बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होते ही इलाहाबाद परिक्षेत्र का रिजल्ट धड़ाम हो गया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा सफलता प्रतिशत में करीब 12 फीसद की बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।
इलाहाबाद (जेएनएन)। सीबीएसई 10वीं में बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होते ही इलाहाबाद परिक्षेत्र का रिजल्ट धड़ाम हो गया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा सफलता प्रतिशत में करीब 12 फीसद की बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। यही नहीं इस बार का रिजल्ट इधर के वर्षों में सबसे कम रहा है। इसके पहले रीजन का रिजल्ट कुछ अंतर से घटता-बढ़ता रहा है। इसका असर परिक्षेत्र के ओवरऑल प्रदर्शन पर भी पड़ा है।
सीबीएसई 10वीं के स्कूलों में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राएं पहले दो तरह स्कूल बेस और बोर्ड बेस की व्यवस्था के तहत परीक्षा देते रहे हैं। 2018 में अहम बदलाव करते निर्णय हुआ कि अब सभी परीक्षार्थियों को बोर्ड परीक्षा ही देनी होगी। इसका सीधा असर परीक्षार्थियों के सफलता प्रतिशत पर पड़ा है, क्योंकि जहां 2013 व 2014 में इलाहाबाद रीजन का रिजल्ट 99 फीसद से ऊपर रहा। 2015 व 2016 में रिजल्ट में गिरावट आई, फिर भी ओवरऑल परिणाम 97 फीसद के इर्द-गिर्द रहा।
वहीं, 2017 में इस परिक्षेत्र ने सफलता प्रतिशत में करीब एक फीसदी (.96) की छलांग लगाकर फिर 98 फीसद से ऊपर हो गया। जबकि, इस बार बोर्ड परीक्षा की अनिवार्यता से रिजल्ट 85.25 फीसद आया है। पिछले वर्ष की अपेक्षा रिजल्ट में 11.98 यानि फीसद की बड़ी गिरावट आई है। इस रिजल्ट से न केवल परीक्षार्थियों को झटका लगा है, बल्कि देश स्तर पर इलाहाबाद परिक्षेत्र की रैंकिंग भी नीचे आ गई है। पिछले साल पांच वर्षों के इतिहास में इलाहाबाद परिक्षेत्र दूसरी बार देश भर में तीसरे स्थान पर पहुंचा था, जबकि इस बार घटकर वह चौथे स्थान पर आ गया है। खास बात यह है कि पिछले वर्ष इलाहाबाद परिक्षेत्र में उत्तर प्रदेश के आठ नए जिले शामिल हुए थे, फिर भी रिजल्ट बेहतर रहा। वहीं, देश में रिजल्ट पिछले साल कम हुआ, लेकिन इलाहाबाद में बढ़ गया था। उसके उलट इस बार अन्य रीजन बेहतर प्रदर्शन करते दिखे हैं, जबकि इलाहाबाद और नीचे पहुंच गया है।
इस तरह जारी हुआ परिणाम
वर्ष प्रतिशत
2013 99.17
2014 99.31
2015 97.59
2016 97.27
2017 98.23
2018 86.25