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कुंभ से सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकीकरण पर शोध

डा. सारिका दुबे के अब तक 46 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 01:16 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 01:16 AM (IST)
कुंभ से सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकीकरण पर शोध
कुंभ से सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकीकरण पर शोध

गुरुदीप त्रिपाठी, प्रयागराज : यज्ञ की धरा रही है प्रयागराज। मठ-अखाड़े और संन्यासी आभूषण हैं यहां के। सनातन संस्कृति को समृद्ध करने का दायित्व उन पर रहा है। कुंभ जैसे आयोजनों का वैभव दुनिया को अपनी तरफ आकर्षित करता है। पूर्व में तमाम शोध हुए हैं, इसी कड़ी में एक और होगा। कुंभ सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकीकरण में कैसे सहायक होता है, यह जानने की कोशिश होगी।

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भारतीय वैभव और अध्यात्मिक ज्ञान की परंपरा के गूढ़ तत्वों को आमजनमानस तक पहुंचाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने शोध की अनुमति दी है। यह अध्ययन प्रयाग महिला विद्यापीठ डिग्री कालेज में राजनीति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. सारिका दुबे करेंगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के राजकीय एवं अनुदानित महाविद्यालयों से रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना के तहत प्रस्ताव मांगे गए थे। डा. सारिका दुबे ने भारतीय संस्कृति एवं विरासत के प्रतीक : महापर्व कुंभ का भारत के सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय एकीकरण में योगदान विषयक शोध का प्रस्ताव भेजा। शासन की विशेषज्ञ समिति ने इसे मंजूरी देते हुए अनुदान भी जारी कर दिया। डा. दुबे कहती हैं कि कुंभ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व तो है ही, यह सौहार्द भी बढ़ाता है। प्रयाग कुंभ का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि कल्पवास सिर्फ यहीं होता है। सरकारों की सफलता व उनकी उपलब्धियां इसमें निहित होती हैं कि आयोजन किस प्रकार हुआ? कई बार व्यवस्था स्तरीय नहीं होने के कारण किरकिरी होती है। यहां राजनीति और धर्म परस्पर एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।

अब प्राचार्य के लिए हुईं चयनित

डाक्टर सारिका दुबे के अब तक 46 से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। पांच पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। वह अंतरराष्ट्रीय मामलों की विशेषज्ञ हैं। थाईलैंड और मलेशिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी व सम्मेलन में विशिष्ट वक्ता के रूप में आमंत्रित की जा चुकी हैं। कई पुरस्कार मिले हैं। इसमें यंग सोशल साइंटिस्ट अवार्ड और प्रतिभा सम्मान भी है। वर्तमान में वह उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से प्राचार्य पद के लिए चयनित हुई हैं।

'इस शोध में मेरा प्रयास होगा कि कुंभ महापर्व का वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से अध्ययन कर इसकी वैविध्य पूर्ण भूमिका और उपयोगिता सामने लाऊं। ऐसे शोध युवाओं को धर्म संस्कृति पर अध्ययन करने के लिए प्रेरित करते हैं।'

डाक्टर सारिका दुबे-प्रयागराज


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