व्यापारियों की अब सात बिंदुओं पर तैयार होगी रिपोर्ट, जानिए क्या है यह
व्यापारियेां की अब सात बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार होगी। 31 मई तक यह रिपोर्ट तैयार करनी होगी।ज्वाइंट कमिश्नर कार्यपालक इसकी निगरानी करेंगे।
By Edited By: Published: Sat, 11 May 2019 07:10 AM (IST)Updated: Sat, 11 May 2019 10:43 AM (IST)
प्रयागराज : जिन व्यापारियों का वर्ष 2016-17 में सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये था। उनकी अब सात बिंदुओं पर रिपोर्ट तैयार होगी। इन व्यापारियों की तय बिंदुओं पर मार्किंग 31 मई तक कराई जाएगी। ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक) इसकी निगरानी करेंगे। इस संबंध में वाणिज्यकर कमिश्नर अमृता सोनी ने निर्देश जारी किया है।
कहा, रिपोर्ट तैयार करने में कोई लापरवाही न बरती जाए
वाणिज्यकर कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि रिपोर्ट तैयार करने में कोई लापरवाही न बरती जाए। अगर रिपोर्ट में खामी पाई गई तो रिपोर्ट तैयार करने वाले खिलाफ कार्रवाई होगी। रिपोर्ट तैयार करने में जिन बिंदुओं का जिक्र है उन्हीं पर रिपोर्ट तैयार की जाए और निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट तैयार कर ली जाए।
इन सात बिंदुओं पर तैयार होगी रिपोर्ट
-सचल दल इकाई ने व्यापारियों के खरीद और बिक्री संबंधी माल को रोकने की कार्रवाई की हो।
-बिलों के सत्यापन में टैक्स चोरी उजागर होने की बात सामने आई हो।
- एसबीआई की जांच में कर अपवंचन के मामले प्रकाश में आए हों।
- कर निर्धारण अधिकारी ने स्वविवेक के आधार पर आइटीसी के दावों की जांच अथवा व्यापारी द्वारा रिटर्न में खरीद-बिक्री की घोषणा एवं रियायती दर से कर देयता के दावों की जांच के आधार पर टैक्स चोरी के मामले सामने आए हों।
- व्यापारी के द्वारा आइटीसी का गलत दावा किया गया हो अथवा कर नहीं जमा किया गया हो।
- किसी अन्य विभाग एवं स्रोत के जरिए व्यापारी द्वारा कर चोरी के मामले संज्ञान में लाए गए हों।
- करमुक्ति से संबंधित बिक्री के सभी प्रमाण पत्र फार्म दाखिल नहीं किए गए हों।
कहा, रिपोर्ट तैयार करने में कोई लापरवाही न बरती जाए
वाणिज्यकर कमिश्नर ने निर्देश दिया है कि रिपोर्ट तैयार करने में कोई लापरवाही न बरती जाए। अगर रिपोर्ट में खामी पाई गई तो रिपोर्ट तैयार करने वाले खिलाफ कार्रवाई होगी। रिपोर्ट तैयार करने में जिन बिंदुओं का जिक्र है उन्हीं पर रिपोर्ट तैयार की जाए और निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट तैयार कर ली जाए।
इन सात बिंदुओं पर तैयार होगी रिपोर्ट
-सचल दल इकाई ने व्यापारियों के खरीद और बिक्री संबंधी माल को रोकने की कार्रवाई की हो।
-बिलों के सत्यापन में टैक्स चोरी उजागर होने की बात सामने आई हो।
- एसबीआई की जांच में कर अपवंचन के मामले प्रकाश में आए हों।
- कर निर्धारण अधिकारी ने स्वविवेक के आधार पर आइटीसी के दावों की जांच अथवा व्यापारी द्वारा रिटर्न में खरीद-बिक्री की घोषणा एवं रियायती दर से कर देयता के दावों की जांच के आधार पर टैक्स चोरी के मामले सामने आए हों।
- व्यापारी के द्वारा आइटीसी का गलत दावा किया गया हो अथवा कर नहीं जमा किया गया हो।
- किसी अन्य विभाग एवं स्रोत के जरिए व्यापारी द्वारा कर चोरी के मामले संज्ञान में लाए गए हों।
- करमुक्ति से संबंधित बिक्री के सभी प्रमाण पत्र फार्म दाखिल नहीं किए गए हों।
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