अयोध्या में अखाड़ा परिषद की धर्मसभा टली, कुंभ के बाद करने का निर्णय
अयोध्या में छह दिसंबर को होने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की धर्म सभा टाल दी गई है। अब कुंभ मेले के बाद करने का निर्णय लिया गया।
प्रयागराज : छह दिसंबर को अयोध्या में प्रस्तावित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की धर्म सभा टल गई है। स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए अखाड़ों को छह दिसंबर के कुछ दिन बाद सभा करने की अनुमति दी है, लेकिन प्रयाग कुंभ की व्यस्तता के चलते अखाड़े तब सभा करने की स्थिति में नहीं रहेंगे।
इसके मद्देनजर बांध स्थित दत्तात्रेय भगवान जूना अखाड़ा अग्रवाल धर्मशाला में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई। इसमें निर्णय हुआ कि जनवरी-फरवरी में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू न हुआ तो कुंभ के बाद धर्म सभा करने के लिए 13 अखाड़ों से जुड़े महात्मा व नागा संन्यासी अयोध्या कूच करेंगे। अखाड़ा परिषद के प्रतिनिधि के रूप में अयोध्या गए उपाध्यक्ष महंत धर्मदास व महामंत्री महंत हरि गिरि ने अपनी बात रखी। महंत धर्मदास ने बताया कि छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, इसलिए उस दिन स्थिति तनावपूर्ण रहती है। ऐसे में अयोध्या के प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देकर छह दिसंबर को धर्म सभा करने की अनुमति नहीं दी। महंत हरि गिरि ने बताया कि प्रशासन 10-15 दिन बाद का समय दे रहा है।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि प्रयाग में कुंभ करीब है। अखाड़ों को शिविर लगाने, पेशवाई की तैयारी करनी है। ऐसी स्थिति में छह दिसंबर के बाद अयोध्या जाना असंभव है। अगर कुंभ मेला के दौरान अयोध्या में मंदिर निर्माण शुरू न हुआ तो उसके बाद सभी अखाड़ों के महात्मा व नागा संन्यासी अयोध्या कूच करेंगे। इस पर सबने अपनी सहमति जताई।
अग्नि अखाड़ा के सचिव सोमेश्वरानंद ब्रह्मचारी व महंत हरि गिरि ने सुझाव दिया कि अयोध्या में अभी सभा भले नहीं हो रही, लेकिन उसकी तैयारी जारी रखनी होगी। कहा कि अगर मंदिर निर्माण को लेकर कोई संगठन पहल करता है तो अखाड़ा परिषद उसका समर्थन करेगा, जिस पर आपसी सहमति बनी। बैठक में महंत देवेंद्र शास्त्री, महंत प्रेम गिरि, महंत आशीष गिरि आदि मौजूद रहे।
विवाह को गेस्ट हाउस की बुकिंग रोकने पर नाराजगी
कुंभ में स्नान पर्वों के दौरान विवाह के लिए गेस्ट हाउसों की बुकिंग रोकने पर अखाड़ा परिषद नाराज है। अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु कुंभ मेला क्षेत्र में रुकेंगे। गेस्ट हाउस, स्कूल कॉलेजों में नहीं। बोले, कुंभ मेला पहले भी होता रहा है, शादी-विवाह के आयोजन स्थलों पर पाबंदी कभी नहीं लगी। प्रशासन अनायास कुंभ का भय दिखाकर जनता को डरा रहा है, जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि गेस्ट हाउस की बुकिंग रुकने से साल-दो साल पहले से विवाह की तैयारी कर रहे लोगों को परेशानी होगी, प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए। अभी समय है, लोगों को गेस्ट हाउसों में विवाह की अनुमति दी जाए।