Karwariya Brothers की रिहाई ने प्रयागराज पुलिस की बढ़ाई चिंता, आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, पेरोल पर छूटे हैं
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाएगा। उधर गुरुवार रात जब सूरजभान व उदयभान जेल से निकलकर अपने घर पहुंचे तो परिवार की खुशियां और बढ़ गई। रिश्तेदार से लेकर समर्थकों के चेहरे पर भी खुशी झलक रही थी।
प्रयागराज, जेएनएन। आजीवन कारावास की सजा काट रहे करवरिया बंधु की पेरोल पर रिहाई ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। परिवार में बेटी की शादी है और महामारी के चलते कोरोना कर्फ्यू जारी है। पूर्व विधायक उदयभान की पत्नी नीलम करवरिया इस वक्त मेजा विधानसभा से भाजपा की विधायक हैं। शादी समारोह में भीड़ हो सकती है और अभी तक सुरक्षा की मांग भी नहीं की गई है। ऐसे और भी कई तथ्य हैं, जिसको लेकर पुलिस अधिकारी चिंतित हो रहे हैं।
पुलिस अधिकारी बोले- हाई कोर्ट के आदेश का पालन होगा
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस की ओर से रिहाई का विरोध किया गया था। हालांकि हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाएगा। उधर, गुरुवार रात जब सूरजभान व उदयभान जेल से निकलकर अपने घर पहुंचे तो परिवार की खुशियां और बढ़ गई। रिश्तेदार से लेकर समर्थकों के चेहरे पर भी खुशी झलक रही थी।
पूर्व विधायक उदयभान और उनके भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान पेरोल पर छूटे
सेंट्रल जेल नैनी में कैद पूर्व विधायक उदयभान और उनके भाई पूर्व एमएलसी सूरजभान गुरुवार रात 18 माह बाद पेरोल पर बाहर आ गए। हालांकि उनके बड़े भाई पूर्व सांसद कपिलमुनि की रिहाई एक मुकदमे में बेल न होने के कारण अटक गई। इनका मकान अतरसुइया थाना क्षेत्र के कल्याणी देवी मोहल्ले में है, जहां घर में रहने के दौरान पुलिस निगरानी करती रहेगी।
हाई कोर्ट के आदेश पर गुरुवार की रात में जेल से बाहर आए करवरिया बंधु
हाई कोर्ट के आदेश पर रात करीब साढ़े 10 बजे दोनों भाई जेल से बाहर आए। इसके बाद निजी वाहन से समर्थकों व करीबियों के साथ अपने घर पहुंचे। उनकी सुरक्षा में फिलहाल कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं था, लेकिन रिहाई के वक्त जेल के बाहर भीड़ लगने पर चौकी इंचार्ज जरूर पहुंच गए।
नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बोले- कपिलमुनि करवरिया काे नहीं छोड़ा गया
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि वाराणसी के एक मुकदमे में कैदी कपिलमुनि को बेल न मिलने के कारण पेरोल पर नहीं छोड़ा गया है। इससे पहले सपा सरकार में करवरिया बंधु को शादी में शामिल होने के लिए पेरोल पर रिहाई मिली थी। हालांकि उस वक्त इन्हें आजीवन कारावास की सजा नहीं हुई थी।