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केशरी देवी पर भारी पड़ीं रेखा सिंह, जिला पंचायत की फिर मिली कमान

जिला पंचायत अध्‍यक्ष पद पर एक बार फिर केशरी देवी पटेल को शिकस्‍त का सामना करना पड़ा। उच्‍च न्‍यायालय ने रेखा सिंह के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव को खारिज करते हुए उन्‍हें बहाल कर दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 09:56 PM (IST)
केशरी देवी पर भारी पड़ीं रेखा सिंह, जिला पंचायत की फिर मिली कमान
केशरी देवी पर भारी पड़ीं रेखा सिंह, जिला पंचायत की फिर मिली कमान

प्रयागराज : केसरी देवी पर रेखा सिंह फिर भारी पड़ीं। इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय ने रेखा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर उन्हें बहाल कर दिया है। इससे जिला पंचायत की कमान फिर उनके हाथ में आ गई है।  

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पूर्व जिपं अध्यक्ष केशरी देवी लाई थीं अविश्वास प्रस्ताव

पूर्व जिपं अध्यक्ष केशरी देवी ने 29 सितंबर को रेखा सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हुए तत्कालीन डीएम सुहास एलवाई को ज्ञापन सौंपा था। दावा पेश किया गया था कि जिपं के 92 में से 74 सदस्य उनके पक्ष में हैं। उस समय भाजपा के महानगर, यमुनापार और गंगापार के जिलाध्यक्षों के अलावा कई विधायक साथ थे। अविश्वास प्रस्ताव पर 25 अक्टूबर को हुए मतदान में 51 सदस्यों ने वोटिंग की थी। इसमें से एक मत अवैध हो गया था। 48 मत अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में और दो विपक्ष में रहे। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पास होने की जानकारी प्रशासन ने शासन को दे दी थी।

नवंबर में शासन ने केशरी देवी को अध्यक्ष घोषित किया था

15 नवंबर को शासन ने अप्रत्याशित तौर पर केशरी देवी को अध्यक्ष घोषित करते हुए कार्यभार ग्रहण करने का आदेश जारी किया था। इसके 19 दिन बाद फिर पासा पलटा और तीन दिसंबर में कोर्ट के आदेश पर केशरी देवी को अध्यक्ष पद से हटाकर डीएम को कंट्रोलर बना दिया था। अब कोर्ट ने अविश्वास की पूरी प्रक्रिया को ही खारिज कर रेखा सिंह की दोबारा ताजपोशी का आदेश जारी कर दिया है।

केशरी कब रहीं अध्यक्ष

1998-2000

2000-2005

2007-2011

2011-2012

2018 (15 नवंबर से तीन दिसंबर)

रेखा कब रहीं अध्यक्ष

2006-2011

2013-2016

2016-2018 (अक्टूबर)

2019 (13 मार्च से)

तीन साल चली कुर्सी की लड़ाई

- 14 जनवरी 2016 में रेखा सिंह ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभाली

- 29 सितंबर 2018 को उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

- 25 अक्टूबर 2018 को हुआ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान

- 48-02 से रेखा सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

- 15 नवंबर 2018 को शासन के आदेश पर केशरी देवी बनीं जिपं अध्यक्ष

- तीन दिसंबर 2018 को कोर्ट के आदेश पर केशरीदेवी की कुर्सी छिनी

- 13 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने फिर रेखा सिंह की बहाली के दिए आदेश

रेखा सिंह ने कहा, सत्य की जीत हुई है

जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह ने कहा कि सत्य की जीत हुई है। कोर्ट के आदेश की प्रमाणिक प्रति मिल जाए तो उसे डीएम को देने के बाद कार्यभार संभाला जाएगा। आचार संहिता की कोई अड़चन इसमें नहीं है। 

केशरी देवी ने कहा, उच्चतम न्यायालय की लेंगी शरण

जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष केशरी देवी पटेल का कहना है कि उच्च न्यायालय का निर्णय आश्चर्यजनक है। वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी की उपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव की पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई थी। 92 सदस्यों के जिपं सदन में सिर्फ दो सदस्यों के समर्थन वाली रेखा सिंह को इस पद पर फिर से बैठाया जाना लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। सभी सदस्यगण न्याय के लिए उच्चतम न्यायालय की शरण में जाएंगे।


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