सरसों तेल, पामोलीन और रिफाइंड के दाम में कमी, आयात शुल्क घटने से खाद्य तेलों की कीमत गिरी
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि आयात शुल्क घटने के कारण खाद्य तेलों की थोक कीमत करीब 100 रुपये कम हुआ है। इससे सरसों तेल रिफाइंड और पामोलीन आदि का थोक रेट घट गया है। फुटकर रेट में भी की उम्मीद है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आम लोगों के लिए अच्छी खबर है। आयात शुल्क घटने के कारण खाद्य तेलों की थोक कीमत में करीब 100 रुपये तक की कमी हुई है। इससे सरसों तेल, रिफाइंड, पामोलीन और वनस्पति घी के थोक दामों में कमी हुई है। इसका असर इन खाद्य तेलों के फुटकर रेट में भी असर आएगा। फुटकर में 6 रुपये से लेकर 7 रुपये तक की कमी के आसार जताए जा रहे हैं।
सरसों तेल की थोक कीमतों में मामूली वृद्धि इस सप्ताह हुई थी। हालांकि अन्य सामानों के रेट स्थिर रही। सरसों तेल की थोक कीमतों में वृद्धि से फुटकर दाम में भी बढ़ोतरी हुई थी। पिछले सप्ताह शनिवार को रिफाइंड और पामोलीन की कीमतों में गिरावट हुई थी। हालांकि वनस्पति घी की कीमत में तेजी हुई थी। सरसों तेल का दाम स्थिर था, पर सोमवार को सरसों के तेल के दाम में 15 से 20 रुपये 15 किलो टिन की वृद्धि हुई थी। इससे फुटकर दाम में भी एक-दो रुपये किलो की वृद्धि हुई थी।
शनिवार को रिफाइंड का दाम 110 रुपये 15 लीटर का टिन और पामोलीन के रेट में 50 रुपये 15 किलो का टिन की गिरावट हुई थी। इससे रिफाइंड घटकर 2150 रुपये 15 लीटर का टिन और पामोलीन गिरकर 2000 रुपये 15 किलो का टिन हो गया था। सरसों तेल का मूल्य 2850 रुपये 15 किलो का टिन था, जो बढ़कर 2865-2870 रुपये हो गया था। फुटकर में सरसों के तेल का दाम 180 रुपये लीटर, रिफाइंड की कीमत 158 और पामोलीन का दाम 130 रुपये था। पिछले दिनों सरसों के तेल का थोक रेट 2800 रुपये 15 किलो का टिन हो गया था। जो बाद में बढ़ गया था। वहीं, वनस्पति की कीमत में लगभग 100 रुपये 15 किलो टिन की वृद्धि हुई थी। वनस्पति का थोक रेट 1900 रुपये 15 किलो टिन हो गया था।
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि आयात शुल्क घटने के कारण खाद्य तेलों की थोक कीमत में करीब 100 रुपये तक की कमी हुई है। इससे सरसों तेल, रिफाइंड और पामोलीन आदि का थोक रेट घट गया है। फुटकर रेट में भी जल्द कमी नजर आने की उम्मीद है।