प्रयागराज में हर तरफ रामलीला की धूम, पथरचट्टी में 20 फिट के कुम्भकर्ण का एक-एक अंग कटा
श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी की Òकथा रामराज की में श्रीराम ने अंगद को रावण के पास भेजकर सीता को सम्मान वापस करने का संदेश दिया। रावण उनके प्रस्ताव को ठुकरा देता है। इसके बाद युद्ध होने लगा। काफी क्षति हुई तो रावण ने भाई महाबली कुम्भकर्ण को युद्ध के लिए भेजा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रेम, करुणा, त्याग व वीरता से परिपूर्ण रही मंगलवार को मंचित रामलीला। हल्की बूंदाबांदी के बीच लीला का मोहक मंचन हुआ। दर्शकों की भीड़ भी आमदिनों की तरह जुटी। श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी की Òकथा रामराज कीÓ में लंका पहुंचे श्रीराम ने अंगद को रावण के पास भेजकर सीता को सम्मान वापस करने का संदेश दिया। रावण उनके प्रस्ताव को ठुकरा देता है। इसके बाद युद्ध होने लगा।
रावण ने महाबली कुम्भकर्ण को भेजा जिसे श्रीराम ने किया धराशायी
जब काफी क्षति हुई तो रावण ने अपने भाई महाबली कुम्भकर्ण को युद्ध के लिए भेजा। 20 फिट ऊंचे कुम्भकर्ण का राम और वनार वीरों के बीच युद्ध दर्शकों को काफी भाया। श्रीराम के बाणों से कुम्भकर्ण की भुजाएं एक-एक कर कटने। फिर राम के बाण से उसके सिर के धड़ से अलग होकर गिरने का दृश्य अद्भुत था। कुम्भकर्ण की मृत्यु के बाद मेघनाद युद्ध में उतरा। मेघनाद की शक्तिबाण से लक्ष्मण मूर्छित हो गए। उन्हें बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी का पूरा पर्वत उठा लाते हैं। हनुमान जी का पर्वत लेकर हवा में उड़ने का दृश्य खास रहा।
पर्वत लेकर उड़े हनुमान जी
प्रयागराज : श्रीकटरा रामलीला कमेटी की Òसंपूर्ण रामायण की रामकथाÓ में कुंभकर्ण वध की लीला हुई। सुबोध सिंह के निर्देशन में मंचित रामलीला की शुरुआत अंगद-रावण संवाद से हुई। इसके बाद कुंभकर्ण वध व मेघनाद तथा लक्ष्मण के बीच युद्ध की लीला हुई। मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण मुर्छित हो गए। उन्हें बचाने के लिए हनुमान जी संजीवनी का पर्वत लेकर उड़े। हनुमान जी का हवा में उड़ने का दृश्य अत्यंत मोहक रहा। सर्वप्रथम न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया, कमेटी के अध्यक्ष सुधीर गुप्त, महामंत्री गोपालबाबू जायसवाल ने पूजा करके लीला आरंभ कराई।
सुलोचना ने किया विलाप
प्रयागराज : श्रीदारागंज रामलीला की लीला में मेघनाद वध व सती सुलोचना विलाप की लीला हुई। अलोपीबाग लीला ग्राउंड में सियाराम शास्त्री के निर्देशन में मेघनाद व लक्ष्मण युद्ध हुआ। अंत में लक्ष्मण के तीर से मेघनाथ का वध हो गया। इसके बाद सती सुलोचना विलाप करते हुए युद्ध स्थल पर आती हैं। लीला में तीर्थराज पांडेय, कुल्लू यादव, जितेंद्र गौड़, रामकृष्ण तिवारी, राजा मुन्ना, शंकर जी शर्मा आदि मौजूद रहे।
होश में आए लक्ष्मण
प्रयागराज : बाघम्बरी क्षेत्र रामलीला कमेटी अल्लापुर में लक्ष्मण व मेघनाद युद्ध की लीला हुई। शक्ति बाण लगने से मुर्छित हुए लक्ष्मण संजीवनी बूटी के प्रभाव से होश में आ गए। इस पर दर्शक जय श्रीराम का उद्घोष करके खुशी मनाते हैं। सर्वप्रथम पंकज पांडेय, बाबुल त्रिपाठी, आशीष वाजपेयी, महादेव द्विवेदी, केशवनाथ मिश्र, ओम नारायण त्रिपाठी, नागेंद्र सिंह, आशुतोष जायसवाल आदि ने भगवान की आरती उतारी।