Move to Jagran APP

नई इबारत लिखेगी उर्दू की रामलीला दास्तान ए राम Prayagraj News

रामलीला के अधिकांश संवाद उर्दू में होंगे। इसमें सीता की भूमिका कानपुर की शफना रहमान निभाएंगी तो दिल्ली के मोहम्मद अदनान लक्ष्मण बनेंगे। राम की भूमिका में दिल्ली के करतार सिंह होंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 11:55 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 11:55 AM (IST)
नई इबारत लिखेगी उर्दू की रामलीला दास्तान ए राम Prayagraj News
नई इबारत लिखेगी उर्दू की रामलीला दास्तान ए राम Prayagraj News

अमरदीप भट्ट, प्रयागराज : रामलीला तो बहुत देखी होगी, लेकिन जो खास लीला उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) के प्रेक्षागृह में 19 अक्टूबर को रही है, वह अलबेली होगी। मंच पर रामलीला 'दास्तान-ए-राम से नया संदेश निकलेगा। इस रामलीला के अधिकांश संवाद उर्दू जुबान में होंगे।  इसमें सीता की भूमिका कानपुर की शफना रहमान निभाएंगी तो दिल्ली के मोहम्मद अदनान लक्ष्मण बनेंगे। राम की भूमिका में दिल्ली के करतार सिंह होंगे।

loksabha election banner

  दास्तान-ए-राम की प्रस्तुति कर रहा बेन्हर्स फोरम फॉर थियेट्रिकल आर्टस भविष्य में इसे विस्तार देने की तैयारी में भी है। इस मंचन के साथ ही कहानीकार मुंशी प्रेमचंद के 90 साल पहले जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में जताई गई मंशा पूरी होगी तो हिंदी और संस्कृत के बाद अब रामायण एवं रामचरित मानस का जुड़ाव उर्दू भाषा से भी हो जाएगा। दास्तान-ए-राम का मंचन प्रयागराज के बाद 21 को वाराणसी और 23 अक्टूबर को लखनऊ में प्रस्तावित है। कर्नाटक की प्रचलित छाया कठपुतली का प्रयोग इसे और अनूठा बना रहा है।

बेन्हर्स फोरम फॉर थियेट्रिकल आर्टस (फब्टा) के संस्थापक तारिक खान कहते हैं कि रामलीला की स्क्रिप्ट डेढ़ माह में तैयार हुई। जबकि दिल्ली में इसकी तैयारी छह माह से हो रही है। इसके लिए रामायण के कुछ हिस्सों का जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दानिश इकबाल से उर्दू में अनुवाद कराया गया। कथानक वृद्ध और नेत्रहीन मां-बाप को तीर्थाटन कराने ले जाने वाले श्रवण कुमार से लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की अयोध्या वापसी तक का है। डेढ़ घंटे में यह पूरा मंचन होना है। बताया कि उर्दू भाषा केवल इसके जानकार ही समझ पाते हैं, इसलिए नाटक में बहुत कठिन शब्दों का प्रयोग न करते हुए आम बोलचाल की भाषा रखी गई है। सभी संवाद अभिनय के दौरान कलाकार खुद बोलेंगे। संस्थापक तारिक खान ने कहा कि अभी यह उनका ग्रैंड रिहर्सल है। इसके बाद उत्तराखंड में यह आयोजन करने की तैयारी है।

स्टेज पर दीपावली नया अध्याय :

 दास्तान-ए-राम में मंचन के दौरान स्टेज पर ही भरतनाट्यम और कथक नृत्य के माध्यम से दीपावली भी मनाई जाएगी। यह रामलीला के इतिहास में नए अध्याय के समान होगा।

कलाकार बोले, नहीं हुई कोई दिक्कत:

तारिक खान कहते हैं कि यह देश गंगा जमुनी संस्कृति का है। यहां दूसरी कौम की संस्कृति को अपनाने का विरोध केवल सियासी लाभ के लिए होता है। फिलहाल उनके इस आयोजन में किसी ने विरोध नहीं किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.