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Kumbh mela 2019 : कुंभ नगरी में रहेगी राम मंदिर मुद्दे की गर्माहट, चंद दिनों बाद धर्म संसद

कुंभ मेला 2019 में तीन स्‍थानों पर धर्म संसद होगी। विहिप, स्‍वामी स्‍वरूपानंद और कंप्‍यूटर बाबा के शिविरों में आयोजन होगा। इसमें राम मंदिर मुद्दे पर विमर्श व रणनीति बनेगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 07:48 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jan 2019 11:09 AM (IST)
Kumbh mela 2019 : कुंभ नगरी में रहेगी राम मंदिर मुद्दे की गर्माहट, चंद दिनों बाद धर्म संसद
Kumbh mela 2019 : कुंभ नगरी में रहेगी राम मंदिर मुद्दे की गर्माहट, चंद दिनों बाद धर्म संसद

शरद द्विवेदी, कुंभ नगर : बारिश के बाद बढ़ी ठंड ठिठुर रही तपस्थली प्रयाग में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में मंदिर निर्माण के मुद्दे की गर्माहट होने वाली है। चंद दिनों बाद होने वाली धर्म संसदों में राम मंदिर का मामला छाया रहेगा। संत-महात्मा राम मंदिर को लेकर अभी तक हुए कार्यों की समीक्षा करके आगे का खाका तैयार करेंगे। यही कारण है कि धर्म संसद में संत-महात्माओं के साथ देश के बड़े नेताओं के शामिल होने की कायसबाजी चल रही है।

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प्रमुख धर्माचार्य धर्म संसद का हिस्सा बनेंगे

पहली धर्म संसद शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की ओर से आयोजिक की गई है। तीन दिवसीय परमधर्म संसद सेक्टर नौ स्थित गंगा सेवा अभियानम् शिविर में 28, 29 व 30 जनवरी को होगी। मेला क्षेत्र में मौजूद प्रमुख धर्माचार्य धर्म संसद का हिस्सा बनेंगे। इसमें अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए शिलान्यास का खाका तैयार होगा।

विहिप की धर्म संसद 31 जनवरी से

वहीं विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद 31 जनवरी व एक फरवरी को होगी। इस धर्म संसद में प्रमुख संत-महात्माओं के साथ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा विहिप के सारे आला नेता मौजूद रहेंगे। इस दौरान राम मंदिर को लेकर कोर्ट में चल रही सुनवाई, सरकार के प्रयासों की समीक्षा होगी। साथ ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

कंप्यूटर बाबा के शिविर में राम मंदिर पर मन की बात

दिगंबर अनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा ने दो फरवरी को अपने शिविर में राम मंदिर पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन किया है। इसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम सहित देश के कई चर्चित धर्माचार्य शामिल होंगे।

प्रयाग से देंगे दिशा : स्वामी स्वरूपानंद

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कहते हैं कि राम मंदिर निर्माण को लेकर संत व जनता को गुमराह किया गया है। सत्ता में बैठे लोग मंदिर का निर्माण नहीं करा सकते। वह प्रयाग से राम मंदिर मामले को दिशा देंगे। यहीं से मंदिर के लिए शिलान्यास का खाका तैयार किया जाएगा।

संतों का आदेश सर्वोपरि : शरद

विहिप के प्रदेश प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं कि हमारे लिए संतों का आदेश सर्वोपरि है। राम मंदिर का आंदोलन विहिप ने संतों के आदेश-निर्देश पर चलाया है। धर्म संसद में संत जो आदेश देंगे विहिप उसी के अनुरूप देशव्यापी मुहिम चलाएगी।

नहीं चलेगी वादा खिलाफी : कंप्यूटर बाबा

महामंडलेश्वर कंप्यूटर बाबा का कहना है कि राम मंदिर के नाम पर आरएसएस, विहिप और भाजपा ने संत व जनता की भावनाओं को ठगा है। चुनाव के समय राम मंदिर का मामला उठाकर सिर्फ वोट लिया गया। इससे हम आहत हैं, अब वादा खिलाफी नहीं चलेगी।


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