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Ramlila 2020 : कौशल्या कर रहीं हैं वकालत, टाइपिंग कर रहे श्रीराम Prayagraj News

Ramlila 2020 ऋतंधरा कहती हैं रामलीला में पात्र निभाने से आंतरिक संतुष्टि मिलती है। इसके लिए दो माह पहले से अभ्यास में जुट जाते थे। इस बार रामलीला न होने से मन अशांत व व्यथित है। अब वकालत में पूरा समय दे रही हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 03:48 PM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 11:15 PM (IST)
Ramlila 2020 : कौशल्या कर रहीं हैं वकालत, टाइपिंग कर रहे श्रीराम Prayagraj News
कौशल्या व मंदोदरी का पात्र निभाने वाली वरिष्ठ रंगकर्मी ऋतंधरा मिश्रा इन दिनों वकालत कर रही हैं।

प्रयागराज, [शरद द्विवेदी]। शारदीय नवरात्र करीब है। हर वर्ष नवरात्र में मंगलकारिणी रामलीला का मंचन होता था। लेकिन, कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति के कारण इस बार रामलीला को लेकर असमंजस की स्थिति है। रामलीला को लेकर प्रशासन ने कोई गाइडलाईन जारी नहीं की। इससे रामलीला कमेटियां मौन और कलाकार मायूस है। रामलीला में अलग-अलग पात्र निभाने वाले कलाकार व्यक्तिगत काम कर रहे हैं। पिछले 20 साल से श्रीपथरचट्टी रामलीला कमेटी में कौशल्या व मंदोदरी का पात्र निभाने वाली वरिष्ठ रंगकर्मी  ऋतंधरा मिश्रा इन दिनों वकालत कर रही हैं। वहीं श्रीकटरा रामलीला कमेटी में श्रीराम का पात्र निभाने वाले मिथिलेश पांडेय टाइपिंग का काम कर रहे हैं।

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रामलीला न होने से मन अशांत व व्‍यथित है

ऋतंधरा कहती हैं रामलीला में पात्र निभाने से आंतरिक संतुष्टि मिलती है। इसके लिए दो माह पहले से अभ्यास में जुट जाते थे। इस बार रामलीला न होने से मन अशांत व व्यथित है। अब वकालत में पूरा समय दे रही हैं। अगले वर्ष रामलीला होगी, ऐसी श्रीराम से कामना है। मिथलेश के पिता वकील है। रामलीला न होने के कारण पिता के काम में हाथ बंटा रहे हैं। टाइपिंग का सारा काम यह करते हैं।

पात्र में जीवंतता लाने के लिए महीनों पहले से शुरू कर देते थे तैयारी

मिथिलेश कहते हैं कि मंच में श्रीराम का पात्र निभाना सौभाग्य की बात है। पिछले कई सालों से राम की भूमिका निभा रहे हैं। पात्र में जीवंतता लाने के लिए कई महीने से पहले जुट जाता था। सत्य बोलना, सात्विक भोजन, सुबह जल्द उठना, माता-पिता को प्रणाम करने के साथ बोलचाल का भाव भी बदल जाता था। बार रामलीला न होने से बहुत कष्ट हो रहा है। निर्देशन करने वाले सुबोध सिंह बताते हैं कि रामलीला न होने से उन्हें आर्थिक चोट पहुँची है। एक रामलीला में कम से कम 60-70 लोगों की टीम काम करती है। कलाकर, सज्जाकार, लाइट एंड साउंड, निर्देशन, सहनिर्देशन आदि का काम करने वाले अलग अलग लोग होते हैं। लीला से पहले अभ्यास में सभी जुट जाते थे। इस बार अधिकतर के पास कोई काम नहीं है।

जल्‍द ही कमेटी के लोग जिलाधिकारी से करेंगे मुलाकात

 प्रयागराज रामलीला कमेटी महासंघ के प्रवक्ता व श्रीकटरा रामलीला कमेटी के महामंत्री गोपालबाबू जायसवाल कहते हैं कि प्रशासन द्वारा गाइडलाईन जारी न करने से स्थिति बिगड़ रही है। कमेटियां असहाय है। वह चाहकर भी कुछ नही कर सकती हैं। रामलीला को लेकर अगर अभी भी निर्देश जारी हो जाय तो हम अपनी तैयारी शुरू कर सकते हैं। इसको लेकर जल्द जिलाधिकारी से मुलाकात की जाएगी।

कोरोना टेस्ट कर रहे जनक

श्रीकटरा रामलीला कमेटी में जनक व सुग्रीव का पात्र निभाते हैं अनूप श्रीवास्तव। इस बार रामलीला न होने से कोरोना का टेस्ट कर रहे हैं। बताते हैं कि उन्होंने लैब टेक्नीशियन का कोर्स किया है। रामलीला होने पर उसमें पात्र निभाने की तैयारी कर रखी थी। जब देखा कि रामलीला को लेकर असमंजस की स्थिति है तब मेडिकल कॉलेज से जुड़कर कोरोना जांच करने लगे।

ड्राइंग कर रहीं सीता

मनीषा गुप्ता श्रीकटरा रामलीला कमेटी में सीता का पात्र निभाती हैं। मंच पर उनका पात्र खूब पसंद किया जाता है। रामलीला न होने से वो ड्राइंग व पेंटिंग सीख रही हैं। साथ ही पिता के व्यापार में हाथ बटाती है। कहती हैं कि  माता सीता का पात्र निभाना सौभाग्य की बात है। पात्र में जीवंतता लाने के लिए खुद की दिनचर्या बदल लेती थीं। अभी भी वैसा ही कर रही हैं। लेकिन रामलीला न होने से मन मायूस है।


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