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Raksha Bandhan 2020 : राखी पर रंग-बिरंगी मिठाइयों से करें परहेज तभी रहेंगे स्वस्थ

Raksha Bandhan 2020 दूध की शुद्धता टिंचर आयोडिन से कर सकते हैं। टिंचर आयोडिन डालने पर यदि दूध नीला हो गया तो उसमें सिंथेटिक पाउडर या केमिकल मिला हो सकता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 10:11 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 11:48 AM (IST)
Raksha Bandhan 2020 : राखी पर रंग-बिरंगी मिठाइयों से करें परहेज तभी रहेंगे स्वस्थ
Raksha Bandhan 2020 : राखी पर रंग-बिरंगी मिठाइयों से करें परहेज तभी रहेंगे स्वस्थ

प्रयागराज, जेएनएन। रक्षाबंधन के पर्व पर मिठाइयों की खूब खरीदारी होती है। ऐसे में दुकानों पर रंग विरंगी मिठाइयां देखें तो उससे परहेज करें। क्योंकि इस तरह की मिठाइयां सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। सिंथेटिक कलर लीवर को हानि पहुंचा सकता है। यह कहना है अभिहित अधिकारी (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग) ममता चौधरी का। वह दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में पाठकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे रही थीं। प्रस्तुत है उनसे पूछे गए सवाल व मिले जवाब।

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सवाल : दूध की शुद्धता के बारे में हम कैसे जान सकते हैं?

जवाब :  दूध की शुद्धता टिंचर आयोडिन से कर सकते हैं। टिंचर आयोडिन डालने पर यदि दूध नीला हो गया तो उसमें सिंथेटिक पाउडर या केमिकल मिला हो सकता है।

सवाल : मिठाई खरीदते समय किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।

जवाब : अक्सर मिठाइयों को सजाने के लिए दुकानदार उस पर चमकीला लेयर चिपका देता है। यदि वह लेयर चांदी का है तो ठीक वरना अल्युमिनियम वाला लेयर नुकसानदायक है। मसलने पर यदि वह खत्म हो जाता है तो वह चांदी वर्क होता है।

सवाल : चौक क्षेत्र में अधिकांश दुकानदार खुली नमकीन बेचते हैं जिसे घटिया तेल से बनाते हैं। यह तो नुकसान दायक है?

जवाब : खुली नमकीन बेचने पर वैसे तो कोई रोक नहीं है। हां, वह गुणवत्तायुक्त होना चाहिए।

सवाल : यदि मिठाइयों में मिलावट की शिकायत करनी है तो इसके लिए कहां जाएं?

जवाब : इस तरह की शिकायत के लिए सीधे सदर तहसील परिसर में स्थित खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में कर सकते हैं।

सवाल : जब विभाग को पता है कि खाद्य सामग्रियों में मिलावट ज्यादा होती है तो कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है?

जवाब : विभाग की ओर से लगातार यह अभियान चलाया जाता है। सैंपल लिए जाते हैं और उसकी जांच के लिए लैब भेजे जाते हैं। यदि मिलावट मिली तो जुर्माना भी होता है।

सवाल : झूंसी क्षेत्र में कई बड़ी दुकानों पर मिलावटी मिठाई धड़ल्ले से बिकती है। उन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती है, ऐसा क्यों?

जवाब : चार दिन पहले ही हमारी टीम ने झूंसी में मिठाई की दो दुकानों से सैंपल लिए हैं। जांच के लिए उन्हेंं लैब भी भेजा गया है। यदि आपको लगता है कि किसी दुकान पर इस तरह का कार्य हो रहा है तो अवगत करा सकते हैं।

सवाल : मैडम,  शुद्ध खोवा की पहचान कैसे करें?

जवाब : चुटकी भर खोवे को पांच एमएल पानी में डालकर गर्म करें। ठंडा करने के बाद उसमें दो-तीन बूंद टिंचर आयोडिन डालें। यदि रंग नीला हो जाता है तो मतलब उसमें स्टार्च जैसे आलू आदि मिलाया गया है।

जनपद में स्थापित होगी राजकीय लैब

ममता चौधरी ने बताया कि प्रयागराज में भी राजकीय लैब स्थापित होने की कवायद चल रही है। इससे जांच के लिए नमूने को लखनऊ नहीं भेजना पड़ेगा, दूसरे दिन ही रिपोर्ट मिल जाएगी। एक हजार रुपये शुल्क देकर सैंपल की जांच कराई जा सकेगी। लैब के लिए जमीन की तलाश हो रही है। शहरी क्षेत्र में लैब स्थापित होनी है।

इन्होंने पूछे सवाल

अनुराग प्रकाश सिविल लाइंस, रामकिशन प्रयागराज, ऋषि टंडन सब्जी मंडी, नीरज यादव प्रतापपुर, नरेश चंद्र निषाद झूंसी, डॉ. रजनी गुप्ता प्रयागराज, संदीप कुमार अल्लापुर, डॉ. शैलेंद्र मिश्रा काल्विन अस्पताल, ओपी मिश्रा प्रयागराज, संध्या देवी नैनी, बिरजू सोनकर लीडर रोड, संदीप कुशवाहा सलोरी, विधायक यादव मऊआइमा, मोनू पाठक अलोपीबाग, भानु प्रताप छोटा बघाड़ा, सतीश चंद्र भारद्वाज प्रयाग स्टेशन।


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