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Raksha Bandhan 2020 : सायमा, रोजी, आसमां की राखी ने गाया प्रेम का तराना Prayagraj News

समूह की महिलाओं ने भी कच्चे माल जुटाकर राखियां बनाईं। करीब एक लाख राखियां तैयार हो जाने पर इसे बाजार में उपलब्ध कराया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 05:09 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 05:09 PM (IST)
Raksha Bandhan 2020 : सायमा, रोजी, आसमां की राखी ने गाया प्रेम का तराना Prayagraj News
Raksha Bandhan 2020 : सायमा, रोजी, आसमां की राखी ने गाया प्रेम का तराना Prayagraj News

प्रयागराज, [नागेंद्र मिश्रा]। रक्षाबंधन के उत्सव की हवा इस बार बदली-बदली सी है। कोरोना संक्रमण में बाजार भले चहक नहीं पाए हों लेकिन चीन से तनातनी के कारण चाइनीज राखियों पर देशप्रेम भारी पड़ गया। वीर सैनिक सीमा पर डटे हैैं, तो घर-घर में वीरांगना नारी शक्ति ने राखियों का बाजार खड़ा कर भाई-बहन के प्यार को सुगंधित कर दिया। अकेले बहरिया ब्लाक के 63 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने एक लाख से ज्यादा राखी तैयार कर बाजार में उपलब्ध करा दी है। इसमें इंदू, राधा, रानी, सुधा, गीता, सरिता के साथ-साथ सायमा, रोजी, आसमां की भी राखियां हैैं। 80 फीसद से ज्यादा राखियां हाथों-हाथ खरीदकर बहनों ने चाइना का गुरूर जमीन पर ला दिया।

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स्‍वेदशी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई
उधर, चाइना से तनातनी बढ़ रही थी तो इधर घर-घर देश प्रेम की हवा बहने लगी। रक्षाबंधन के त्योहार ने दस्तक दी तो चर्चा चली कि चाइना की राखियों के बिना भाई की कलाई सूनी रह जाएगी। ऐसे में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आगे आईं। इनका साथ दिया ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लाक प्रबंधक अजय द्विवेदी व स्किल एंड जॉब प्रबंधक विशाल यादव ने। अजय द्विवेदी ने बताया कि लगभग महीने भर पहले संघर्ष प्रेरणा संकुल स्तरीय संघ की मदद से 63 समूह की उच्च शिक्षित एक-एक महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिलाया गया। प्रशिक्षित महिलाओं ने अपने समूह की महिलाओं से राखी बनवाकर माहौल बना दिया। प्रशिक्षण दिलाने के साथ ही संघ ने कच्चा माल उपलब्ध कराया। समूह की महिलाओं ने भी कच्चे माल जुटाकर राखियां बनाईं।
करीब एक लाख राखियां तैयार हो जाने पर इसे बाजार में उपलब्ध कराया गया। समूह की महिलाओं ने विकास भवन, ब्लाक मुख्यालय एवं ब्लाक संसाधन केंद्र पर स्वयं स्टाल लगाए। इस काम में उनके घरवालों ने भी मदद की। देश प्रेम के धागे में पिरोई गई एक से एक फैंसी राखियां भाई की कलाई के लिए बहनों को खूब भाईं। ब्लाक में संचालित 1250 समूह में कुल 18000 महिलाओं ने विशेष तौर पर संकल्प किया है कि वह चाइना की राखी का बहिष्कार कर समूह की बनी राखी ही तीन अगस्त को रक्षाबंधन पर अपने भाइयों की कलाई पर बांधेंगी। समूह की राधा, गीता, सरिता ने कहा कि देश प्रेम संग पर्व भी मनाएंगे और आर्थिक प्रगति की ओर भी बढ़ेंगे।

'मन की बात' में प्रधानमंत्री कर चुके हैैं समूह की सराहना
बहरिया के ब्लाक के समूह की महिलाओं के हुनर की प्रशंसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक आयोजन 'मन की बात' में कर चुके हैैं। यहां के समूह ने हवाई चप्पल तैयार किया था। इसे जगह-जगह स्टाल लगाकर बेचा। चप्पल की बिक्री के अनुभव ने राखी विक्रय का काम आसान कर दिया।


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