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Weather Update: बारिश बनी आफत, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ में दर्जनों मकान ढहे, 12 लोगों की मौत, कई जख्मी

मंगलवार से प्रयागराज में बारिश हो रही है। पहले दिन शहर में हल्की बारिश हुई थी। ग्रामीण क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई थी। ओडिशा में कम वायु दाब का प्रभाव मंगलवार रात को और बढ़ गया। बुधवार को अल सुबह से जो बारिश शुरू हुई वह पूरे दिन होती रही

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 07:40 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 06:18 PM (IST)
Weather Update:  बारिश बनी आफत, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़ में दर्जनों मकान ढहे, 12 लोगों की मौत, कई जख्मी
जोरदार बारिश ने एक बार फिर खोल दी प्रयागराज के नगर निगम के दावों की पोल

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इस बार सावन में रिकार्ड बारिश हुई थी, अब भादो भी सावन को पछाडऩे में लगा हुआ है। तीन दिन से हो रही बारिश से नया कीर्तिमान बनने की संभावना बन गई है। बुधवार सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर रात तक चलता रहा जो आज भी अब तक जारी है।  बारिश से जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली, वहीं मोहल्लों में जलभराव होने से परेशानी भी बढ़ गई। मौसम विभाग के अनुसार बरसात होते रहने की संभावना है। शहर की मुख्य सड़कों के अलावा रेलवे ट्रैक पर भी जल भराव हो गया।

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बारिश के कारण प्रयागराज से लेकर प्रतापगढ़ तक जर्जर हो चुके कई कच्चे और पक्के मकान ढहने लगे जिससे दोपहर तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग जख्मी हो गए हैं। मुट्ठीगंज में दो मंजिला मकान ढहने से महिला की मौत हो गई जबकि उसका बेटा जख्मी हो गया। कोरांव में भी घर ढहने से महिला और मऊआइमा में एक व्यक्ति की मौत हो गई। भारी बरसात के दौरान प्रयागराज के ही शंकरगढ़ में कचारी गांव में दो मंजिला पक्का मकान ढह गया। इस घटना में फार्म हाउस में चौकीदारी करने वाले दो लोगों की जान चली गई। गांव में कोहराम मच गया।  उधर, प्रतापगढ़ में भी कच्चा घर गिरने से शाम तक तीन महिलाओं समेत पांच लोगों की जान चली गई। कौशांबी में भी पइंसा इलाके में घर धराशायी हो जाने से 55 साल के व्यक्ति की मौत हो गई। सराय अकिल के बिरनेर गांव में भी ऐसे ही हादसे महिला की मौत हो गई जबकि पति जख्मी है। चरवा में एक कच्चा घर ढह गया जिससे एक शख्स की मौत हो गई। प्रयागराज मंडल के  कई इलाकों में और भी मकान ढहे हैं। 

पहले हल्की रिमझिम फिर बारिश ने पकड़ ली रफ्तार

पिछले दो दिन से प्रयागराज मंडल में बारिश हो रही है। पहले दिन शहर में हल्की बारिश हुई थी। ग्रामीण क्षेत्र में झमाझम बारिश हुई थी। ओडिशा में कम वायु दाब का प्रभाव मंगलवार रात को और बढ़ गया। बुधवार को अल सुबह से जो बारिश शुरू हुई, वह पूरे दिन होती रही। बीच-बीच में बारिश का सिलसिला कुछ देर के लिए रुका, मगर काले बादल आसमान पर छाए रहे। मेघ अपने रौब में बरसते रहे। इससे अधिकतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री सेल्सियस था, जो बुधवार को 27.6 डिग्री पर आकर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान मंगलवार को 25.2 डिग्री था। उसमें कोई खास अंतर नहीं रहा। बुधवार को न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री रहा। मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार सुबह 8.30 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक 18.2 मिलीमीटर बारिश हुई थी। अब अगले 24 घंटे में 25 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. शैलेंद्र राय का कहना है कि गुरुवार को दिन भर बारिश होने की संभावना है। ऐसा ओडिशा में बने कम वायु दाब के कारण हुआ है।

बैंक, थानों, दुकानों और स्कूलों में भरा पानी

लगातार बारिश की वजह से अब नुकसान भी सामने आने लगा है। प्रयागराज से लेकर प्रतापगढ़ तक कमजोर और कच्चे मकान ढहने लगे हैं। प्रयागराज शहर के मुट्ठीगंज इलाके में एक मकान ढहने से युवक की मौ। कई जगह जलभराव से आवागमन बाधित हो गया। उधर, प्रतापगढ़ में सीएचसी पट्टी, पट्टी कोतवाली, महिला अस्पताल, स्टेट बैंक शाखा, रजिस्ट्री कार्यालय, कुंडा बिजली सब स्टेशन, राजकीय और निजी स्कूलों, लालगंज कोतवाली, रानीगंज तहसील परिसर, जीआइसी परिसर, मुख्यालय स्थित आरपीएफ बैरक में पानी भर गया। बैंक शाखा और बिजली सब स्टेशन में जल भराव से उपकरण भी प्रभावित हुए हैं। थानों में परेशानी झेलनी पड़ी है। कुंडा सब स्टेशन से बिजली कटने से दर्जनों गांव में सप्लाई ठप हो गई।

ढहने लगे मकान, पांच महिलाओं समेत 12 की मौत, कई लोग जख्मी

लगातार बारिश जानलेवा साबित हो रही है। प्रयागराज, कौशांबी और प्रतापगढ़ में बुधवार रात से गुरूवार दोपहर तक कमजोर होने की वजह से कई मकान धराशायी हो गए। प्रयागराज में अलग घटनाओं में पांच लोग बरसात से घर गिरने के कारण काल कवलित हुए। दोपहर में शंकरगढ़ के कचारी गांव में तैयार हो रहे एक कारखाने में चौकीदारी करने वाले लालापुर के सेमरी गांव निवासी शिव गुलाम और राम कैलाश बारिश के दौरान बगल के मकान में बैठे थे तभी वह ढह गया। दोनों भारी मलबे के नीचे दबकर मौत के मुंह में समा गए। इससे पहले मुट्ठीगंज इलाके के बारा खंभा मोहल्ले में दो मंजिला मकान के दूसरा तल बुधवार रात ढह गया। मलबे में  53 साल की सोनिया और उनका पुत्र दब गए। वे दोनों सो रहे थे तभी यह हादसा हुआ। अस्पताल ले जाने पर सोनिया को मृत बताया गया जबकि बेटा जख्मी है। कोरांव इलाके मे्ं भी कुकुरहटा गांव के वितनी पुरवा में घर ढहने से दंपती दब गए। उनमें 60 साल की दुरघटिया देवी की मौत हो गई। मऊआइमा के सेमरा वीरभानपुर में कच्चा घर ढहने से 49 साल के शिवमूरत यादव की जान चली गई। प्रतापगढ में भी  मानधाता समेत कई इलाकों में कच्चे घर ढहने से पांच लोगों की मौत हुई है। कोहड़ौर इलाके के लौली पोख्ताखाम गांव में बारिश के दौरान मकान ढहने से जगदेव प्रसाद यादव की पत्नी 65 साल की कलावती की मौत हो गई। उन पर ढही दीवार का मलबा गिर गया था। अस्पताल ले जाने पर उन्हें मृत बताया गया। एक अन्य महिला की भी वहां घर ढहने से मौत हो गई है। उदयपुर इलाके के कुम्हीडीहा गांव में 65 साल के अमरजीत सिंह दीवार के मलबे में दबकर मौत हो गई। उधर, कौशांबी में भी चायल, सैनी, पूरामुफ्ती, पइंसा, सराय अकिल इलाके में कई कच्चे घर ढहने की सूचना है। पइंसा के कोरी का पूरा में कच्चा घर ढहने से 55 साल के हीरालाल की अस्पताल ले जाने पर मौत हो गई। सराय अकिल के बिरनेर गांव में मकान गिरने से सोते वक्त मलबे के नीचे प्रेमचंद और उसकी पत्नी दब गए। 50 साल की पत्नी मुरदी की मौत हो गई। पति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चरवा में ऐसी ही घटना में छेदीलाल की जान चली गई। इसके अलावा जल भराव होने से कौशांबी से लेकर प्रतापगढ़ तक आवागमन और सामान्य जन जीवन बाधित हो गया है।

फसलों के लिए अब नुकसान

शुरुआती बारिश तो फसलों के लिए अमृत वर्षा जैसी थी। इससे सबसे ज्यादा फायदा धान की फसल को होना थी लेकिन तीन दिन की लगातार भारी बरसात अब धान समेत दूसरी सब्जी की खेती के लिए नुकसानदेह है।

जलभराव होने पर चलाए गए पंप

सुबह से लेकर रात भर बारिश होने पर कई मोहल्लों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई। जलकल विभाग को इसके लिए पंप चलाने पड़े। इसके बाद भी बारिश का पानी निकलने में काफी समय लग गया। देर रात तक लोग इससे परेशान हो गए। कई मोहल्लों में नाल बैकफ्लो होने पर लोगों की परेशानी और बढ़ गई।

लगातार बारिश होने पर अल्लापुर, सोहबतिायाबाग, दारागंज, सलोरी, ओम गायत्री नगर, शिवकुटी, मैहंदौरी, राजापुर, चक मीरापट्टी, करैलाबाग समेत पुराने शहर के मोहल्लों में ज्यादा दिक्कत हुई। नालों की सफाई सही से न होने पर कई पार्षदों ने नगर निगम के दावों की पोल खोलते हुए नालों की सफाई की जांच कराने की मांग फिर उठाई। बारिश होने पर लोगों को मोहल्लों में तो दिक्कत हुई ही, चौराहों और सड़कों पर भी पानी भर जाने पर आने-जाने में परेशानी हुई। हालांकि लोगों ने मौसम के बदले मिजाज का लुत्फ उठाया और बारिश में भींगकर भादो की बारिश का भी आनंद लिया। खासकर बसों को बारिश ने खुश प्रसन्न किया।


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