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रेल कर्मचारियों का शांतिपूर्वक 'हल्लाबोल', मांगों को लेकर निकाला जुलूस Prayagraj News

अपनी मांगों को लेकर नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन की ओर से प्रयाग स्टेशन पर मुखालफत की गई। जुलूस भी निकाला गया और अपनी मांगों पर एकजुटता दिखाई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 03:44 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 03:44 PM (IST)
रेल कर्मचारियों का शांतिपूर्वक 'हल्लाबोल', मांगों को लेकर निकाला जुलूस Prayagraj News
रेल कर्मचारियों का शांतिपूर्वक 'हल्लाबोल', मांगों को लेकर निकाला जुलूस Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। केंद्रीय रेल यूनियनों ने रेल बचाओ-देश बचाओ आंदोलन के तहत पूरे देश में आज यानी रविवार को बिगुल फूंका। सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और रेलवे के निजीकरण के खिलाफ यह अभियान है। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय सहित अन्य जगहों पर जुलूस निकाल कर सभा हुई। इसके माध्‍यम से विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही अपनी मांगाें को लेकर एकजुटता दिखाई गई।

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नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन ने प्रयाग स्‍टेशन पर जताया विरोध

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन की ओर से प्रयाग स्टेशन पर मुखालफत की गई। जुलूस भी निकाला गया और अपनी मांगों पर एकजुटता दिखाई। शाखा सचिव राजीव रत्न शुक्ल ने बताया कि कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए रेल कर्मचारियों को अपने कार्यस्थलों पर ही रहकर विरोध जताने को कहा गया था। नार्थ सेंट्रल रेलवे इंप्लाइज संघ के सहायक महामंत्री आलोक सहगल ने बताया कि यूनियन की सभी शाखाएं जोन मुख्यालय और मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय पर प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपेंगी। कोविड-19 के नियमों का पूरा पालन करते हुए भीड़ कम जुटी। नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन भी विरोध किया जा रहा है।

किसान-मजदूर भी जताएंगे विरोध

कारपोरेट भगाओ देश बचाओ के भाव को लेकर किसान और मजदूर संगठन भी रविवार को अपना विरोध मुखर हैं। सीआइटीयू के संयोजक अविनाश मिश्रा ने बताया कि एलआइसी और अन्य पब्लिक सेक्टर कंपनियों के निजीकरण, कारपोरेट के कर्जो की माफी तथा श्रम कानून में मजदूर विरोधी परिवर्तनों के खिलाफ किसान व श्रमिक संगठन गांधी स्मारक पर अपना विरोध जताया।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगें

-रेल कर्मियों का डीए रोकने का आदेश रद किया जाए।

-पदों को सरेंडर करना और यात्री ट्रेनों का निजीकरण बंद हो।

-संरक्षा से जुडे कर्मियों को रिस्क अलाउंस दिया जाए।

-ग्रेड पे 24 सौ को 28 सौ में व 46 सौ को 48 सौ में मर्जर।

-ग्रुप सी के अपेक्स ग्रेड को ग्रुप बी में अपग्रेड किया जाए।


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