रेलवे के लंच पैकेट से नहीं मिट रही कामगारों की भूख Prayagraj News
रेलवे की ओर से कामगारों को खाने के लिए लाई-चना मठरी व पावरोटी दी जा रही है। किंतु इससे लोगों की भूख नहीं मिट रही है। 24 से लेकर 48 घंटे तक का लंबा सफर कट नहीं रहा है।
प्रयागराज,जेएनएन। प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए संचालित की जा रहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी और दोगुने समय में गंतव्य तक पहुंचने के कारण लोगों का गुस्सा फूट रहा है। रेलवे की ओर से कामगारों को खाने के लिए लाई-चना, मठरी व पावरोटी दी जा रही है। किंतु इससे लोगों की भूख नहीं मिट रही है। 24 से लेकर 48 घंटे तक का लंबा सफर कट नहीं रहा है। भीषण गर्मी में प्यास भी खत्म नहीं हो रही है। लोग ट्रेन में पानी के लिए तरस रहे हैं। इसलिए अब धीरे-धीरे स्टेशनों पर खाद्य सामग्री और पानी की बोतल लूटने के मामले सामने आने लगेेे हैं। छिवकी स्टेशन पर सोमवार को खाद्य सामग्री लूटने का मामला इसका ताजा उदाहरण है। कामगारों ने यूं नहीं खादय सामाग्री पर टूट पडे। इसके सिवा उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था और ऐसा करना उनकी मजबूरी सी हो गई थी।
24 घंटे के सफर में लग रहा है 40 घंटे
12 घंटे से अधिक समय का सफर करके आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा कर रहे कामगारों को रेलवे खाद्य सामग्री और पानी उपलब्ध करा रही है। पहले पानी की बोतलें दी जाती थीं। किंतु गर्मी बढऩे पर लोगों को प्लेटफार्म पर उतरकर पानी भरने भी दिया जाता है। मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत के शहरों से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अलग-अलग रूट से चक्कर काटकर आ रही हैं। इसलिए 24 घंटे का सफर 40 घंटे में तय हो रहा है। इसके साथ लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ रही है। क्योंकि रेलवे लोगों को जो खाना दे रहा है। उससे उनकी भूख नहीं शांत हो रही है। सोमवार को प्रयागराज जंक्शन पर दो श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहुंचीं। एक पुरानी दिल्ली और दूसरी दक्षिण भारत के ङ्क्षलगमपल्ली से आई।
भीषण गर्मी में पानी तक नहीं है इंतजाम
दिल्ली वाली ट्रेन सुबह नौ बजे पहुंच गई थी। लोगों को दिल्ली में खाना-पीना दिया गया था इसलिए प्रयागराज आने में दिक्कत नहीं हुई। यहां स्टेशन पर फिर उन्हें खाना दिया गया। लेकिन ङ्क्षलगमपल्ली से आई ट्रेन में सफर कर रहे कामगारों ने बताया कि रेलवे ने जो खाना उनको दिया था, उससे उनकी भूख नहीं मिटी। लगभग दो दिन का सफर तय कर पहुंचे लोग काफी परेशान थे। ट्रेन सोमवार दोपहर लगभग दो बजे प्रयागराज जंक्शन पर पहुंची तो लोगों को जबर्दस्त भूख लगी हुई थी। महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के यात्रियों की भी अक्सर शिकायत रहती है कि रास्ते में जो खाना मिला, उससे उनकी भूख समाप्त नहीं हुई। इस भीषण गर्मी में पानी के इंतजाम भी नाकाफी हैं।