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रेल यूनियन नेता बोले-बजट ने रेल कर्मियों को निराश किया Prayagraj News

एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह का कहना है कि बजट में 150 ट्रेनों को पीपीपी मॉडल पर चलाने की जो बात कही गई है उससे रेल का भविष्य निजी हाथों में जाता हुआ दिख रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 11:13 AM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 11:14 AM (IST)
रेल यूनियन नेता बोले-बजट ने रेल कर्मियों को  निराश किया Prayagraj News
रेल यूनियन नेता बोले-बजट ने रेल कर्मियों को निराश किया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। बजट को लेकर रेल यूनियन के नेताओं ने भी प्रतिक्रिया की है। कहा कि बजट ने रेल कर्मचारियों को बहुत निराश किया है। एनसीआरएमयू के महामंत्री आरडी यादव ने कहा कि कर्मचारी दिन-रात मेहनत करते हैं। उनके लिए बजट में कुछ नहीं है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भी कोई कदम नहीं उठाया गया है। युवाओं के लिए भी कुछ नहीं है।

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रेल का भविष्य निजी हाथों में जाता हुआ दिख रहा है : आरपी सिंह

एनसीआरईएस के महामंत्री आरपी सिंह का कहना है कि टैक्स स्लैब में कोई राहत न देकर कर्मचारियों के साथ छल किया गया है। बजट में 150 ट्रेनों को पीपीपी मॉडल पर चलाने की जो बात कही गई है, उससे रेल का भविष्य निजी हाथों में जाता हुआ दिख रहा है। वहीं हर्षित कहते हैं कि युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बेरोजगारी लगातार बढ़ रही हैं। सरकारी भर्तियां लटकी हुई है। सरकार केवल ग्राफ पर विकास दिखाती है। धरातल पर कुछ दिखाई नहीं देता है। अमित ने कहा कि केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए केवल योजना लेकर आती है। कभी उसकी वास्तविक स्थिति का आंकलन नहीं करती है। अगर ऐसे ही बजट में रोजगार को नजरअंदाज किया जाता रहा तो बेरोजगारी बढ़ेगी।

लोगों ने कहा-तेजस जैसी प्राइवेट ट्रेन से आमजन को कोई फायदा नहीं

एजाज अहमद उर्फ मल्लू ने कहा कि तेजस जैसी प्राइवेट ट्रेनें चलाने से आम आदमियों को कोई फायदा नहीं होगा। रेलवे केवल कमाई करने पर ध्यान दे रही है। लोगों की सुविधाओं की चिंता नहीं है। ट्रेनों की लेटलतीफी पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं डॉ. एसके सिंह बोले कि विदेशों में हाईस्पीड ट्रेनें वर्षों से चल रही हैं। भारत में अभी योजनाओं पर काम चल रहा है। ट्रेनों में साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है। ट्रेनों में होने वाली आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।


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