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मरियाडीह में पुलिस टीम पर हमला मामले में छापेमारी, कई को उठाया Prayagraj News

मुल्जिम काे छुड़ाने को पुलिस टीम पर हुए हमले के मामले में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। कई को पकड़ भी लिया है। 20 नामजद व 40 अज्ञात पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 01:55 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jul 2019 01:55 PM (IST)
मरियाडीह में पुलिस टीम पर हमला मामले में छापेमारी, कई को उठाया Prayagraj News
मरियाडीह में पुलिस टीम पर हमला मामले में छापेमारी, कई को उठाया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। धूमनगंज के मरियाडीह में पुलिस टीम पर हमला कर मुल्जिम नूरैर को छुड़ाने के मामले में पुलिस और पीएसी आरोपितों को पकडऩे के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। मरियाडीह, बमरौली, कसारी मसारी, केसरिया, चकिया में छापामारी कर कई लोगों को उठाया भी गया है। गोकशी के आरोपित नूरैन समेत 40 आरोपितों के घरों में ताले लगे हैं। गांव के ज्यादातर लोग भागे हुए हैं।

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छापेमारी में महिलाएं भी घर पर नहीं मिलीं

धूमनगंज के मरियाडीह में पुलिस टीम पर हमले के मामले में बीस लोगों को नामजद करते हुए 40 अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। देर रात तक पुलिस और पीएसी के साथ पुलिस अधिकारी छापेमारी करते रहे। कई संदिग्धों को पुलिस ने उठाया है। बवाल के बाद पूरा गांव खाली हो गया। छापेमारी के दौरान महिलाएं तक घर में नहीं मिलीं। 

पुलिस पर हमले में पुरुषों और महिलाओं पर केस 

पुलिस पर पथराव, फायङ्क्षरग कर आरोपित छुड़ाने के मामले में धूमनगंज थाने में नूरैन, हसनैन, सकलैन, फरहान, इमरान, आजाद, अश्फाक, तौफीक, नदीम, फैजान, अकरम, इशरत, फैजान, महताब, आरिफ, अबू तलहा, शाकिब, ताहिर, इरफान और गुफरान अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। 40 अज्ञात पुरुषों और महिलाओं के खिलाफ भी केस है। सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह ने करेली, खुल्दाबाद, धूमनगंज, कैंट, शाहगंज थाने की फोर्स, पीएसी के साथ छापेमारी कर घरों की तलाशी ली। देर रात तक पीएसी और पुलिस धरपकड़ में लगी रही। पुलिस के डर से पूरा गांव खाली हो गया है। घरों में महिलाएं और बच्चे भी नहीं हैं। हालांकि गांव से छह लोगों को पुलिस ने उठाया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

घरों और गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ से बढ़ा बवाल

मरियाडीह गांव में बवाल के दौरान तीन कारों और दो बाइकों में तोडफ़ोड़ हुई थी। पांच घरों के दरवाजे टूटे थे और सामान फेंका गया था। गांव की महिलाओं का कहना था कि पुलिस टीम ने नूरैन, हसनैन, तौफीक समेत पांच घरों में तोडफ़ोड़ की। आलमारी और बक्से से रुपये, गहने निकाल लिए। कारों और बाइक को बंदूक के कुंदों से तोड़ा गया। घर में घुसकर पुलिसवालों ने महिलाओं को पीटना शुरू किया तभी विरोध हुआ। मारपीट और बवाल में गांव की पांच महिलाएं जख्मी हुई हैं। सभी ने पुलिसवालों पर आरोप लगाए हैं। आरोपित की पत्नी का कहना है कि नूरैन गांव में था ही नहीं। पुलिसवाले जब स्कूल से लौटी लड़कियों को दौड़ाने लगे तो महिलाओं ने विरोध किया। 

यहीं हुआ था अलकमा-सुरजीत हत्याकांड 

मरियाडीह पूर्व सांसद अतीक अहमद का गढ़ है। यहां गद्दी बिरादरी के लोगों की बड़ी आबादी है। लोकसभा, विधानसभा में यहां कई बार बवाल हो चुका है। चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा फोर्स इसी गांव में तैनात रहती है। बहुचर्चित अलकमा हत्याकांड यहीं हुआ था। उसके बाद से अतीक अहमद और विरोधी कम्मू जाबिर के बीच तनातनी चलने लगी। आबिद प्रधान की बहन अलकमा और ड्राइवर सुरजीत को यहीं गोलियों से भून दिया गया था। मामले में कम्मू, जाबिर समेत 11 आरोपी थे। सरकार बदली तो पूर्व सांसद अतीक अहमद, अशरफ और आबिद प्रधान समेत अन्य लोग आरोपी बनाए गए।


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