उत्पाती बंदरों को पकड़ेगा कौन, वन विभाग व नगर निगम जिम्मेदारी से भाग रहे Prayagraj News
एक ओर शहर में बंदरों का आतंक है लोगों को काट कर जख्मी कर रहे हैं। वहीं इनको पकड़ने की जिम्मेदारी से नगर निगम और वन विभाग भाग रहा है। सवाल है कि इन्हें आखिर कौन पकड़ेगा।
प्रयागराज, जेएनएन। शहर में मेहंदौरी, दारागंज, अल्लापुर, छोटा बघाड़ा, तेलियरगंज, शिवकुटी समेत कई वार्डों में बंदरों का उत्पात बढ़ गया है। लोगों को ये काट कर घायल भी कर रहे हैं। शनिवार को चाका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर के पास बंदर के डर से 15 वर्षीय अमित दीवार से गिर गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके पहले भी यहां के बंदर कई लोगों को काट चुके हैं। दिन पर दिन इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के कई इलाकों में यही स्थिति है। लोग परेशान हैं मगर बंदरों को न तो वन विभाग पकड़ रहा है और न ही नगर निगम। दोनों विभाग अपनी जिम्मेदारी पर पर्दा डाल रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इन बंदरों को पकड़ेगा कौन?
नगर निगम की रट कि विभाग के पास बंदरों को पकडऩे की व्यवस्था नहीं
नगर निगम के पशु चिकित्सक एवं कल्याण अधिकारी डॉ. धीरज गोयल का कहना है कि नगर निगम के पास बंदरों को पकडऩे की कोई व्यवस्था नहीं है। वन विभाग से अनुमति लेकर प्राइवेट व्यक्ति द्वारा बंदर पकड़ा जाता है।
वन विभाग जिम्मेदारी नगर निगम पर ओढ़ा रहा है
वहीं जिला वन अधिकारी वाइपी शुक्ला का कहना है कि नगर क्षेत्र में अगर बंदरों की समस्या है तो उसका निस्तारण कराने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। नगर निगम जब अनुमति मांगता है तो उसे यह बता दिया जाता है कि बंदर को पकडऩे के बाद कहां पर छोड़ा जा सकता है।
बोले नगर आयुक्त
नगर आयुक्त डॉ. उज्ज्वल कुमार कहते हैं कि बंदर एक वन्य प्राणी है। इसलिए वन विभाग को ही बंदर पकडऩा चाहिए। नगर निगम में बंदर पकडऩे की कोई व्यवस्था नहीं है। बंदरों को लेकर शिकायत आती है तो उसे पकड़वाने के लिए वन विभाग की मदद ली जाती है।