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स्कूलों में खरीदी गई खेलकूद सामग्रियों की गुणवत्ता की होगी जांच Prayagraj News

परिषदीय स्कूलों में खरीदी गई खेलकूद सामग्रियों के साथ ही पुस्तकों का भी सत्यापन होगा। शिकायत मिलने के बाद राज्य परियोजना निदेशक ने निर्देश जारी किया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 05:01 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 05:01 PM (IST)
स्कूलों में खरीदी गई खेलकूद सामग्रियों की गुणवत्ता की होगी जांच Prayagraj News
स्कूलों में खरीदी गई खेलकूद सामग्रियों की गुणवत्ता की होगी जांच Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में बच्चों के लिए खरीदी गई खेलकूद सामग्रियों की गुणवत्ता और पुस्तकालय अनुदान केतहत खरीदी गई पुस्तकों की जांच होगी। गड़बड़ी मिलने पर दोषी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों पर कार्रवाई भी होगी। इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक (समग्र शिक्षा) ने जिलाधिकारी और जिला शिक्षा परियोजना समिति के अध्यक्ष को पत्र जारी किए हैं।

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मानक के अनुरूप न होने पर शिकायत निदेशक कार्यालय में हुई थी

सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद सामग्री खरीदने के लिए राज्य परियोजना कार्यालय से बजट जारी हुआ था। इसी प्रकार प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों के पुस्तकालयों के लिए पुस्तकें खरीदने के लिए भी एकमुश्त धनराशि जारी हुई थी। खेलकूद सामग्री और पुस्तकें विद्यालय प्रबंध समितियों के जरिए खरीदी जानी थी। कहा जा रहा है कि तमाम विद्यालयों में खेलकूद सामग्री न तो मानक और न सूची के अनुसार खरीदी गई। यही हाल पुस्तकों के खरीदने में भी रहा। इसकी शिकायत निदेशक कार्यालय तक हुई थी।

खेलकूद सामग्रियों की खरीद, उपलब्धता और गुणवत्ता संबंधी जांच होगी

लिहाजा, निदेशक ने पांच अगस्त तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) को 10-10 विद्यालयों की रेंडम सैंपलिंग के निर्देश दिए। इसका सत्यापन खंड शिक्षाधिकारियों द्वारा कराने के भी निर्देश हैं। इसके अलावा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से जांच समिति गठित करके अथवा एसडीएम के जरिए विद्यालयवार पुस्तकों और खेलकूद सामग्रियों की खरीद, उपलब्धता और गुणवत्ता संबंधी जांच कराने के लिए भी कहा गया है।

खास बातें

-खेलकूद सामग्री के लिए प्राथमिक विद्यालयों को मिले पांच हजार रुपये

-उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मिले थे 10 हजार रुपये 

-पुस्तकें खरीदने के लिए प्राथमिक विद्यालयों को पांच हजार रुपये

-उच्च प्राथमिक विद्यालयों को 10 हजार रुपये मिले

-कंपोजिट विद्यालयों को 13 हजार रुपये मिले थे 

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