पंत संस्थान से 70 पुस्तकें, 82 पेपर व 123 प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रकाशित
पंत संस्थान से 70 पुस्तकें 82 पेपर व 123 प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रकाशित हुई।
प्रयागराज : पं. गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक संस्थान शोध और अध्ययन के क्रम को निरंतर बनाए हुए है। यहां होने वाले अध्ययन का लाभ समाज के सभी वर्गो को मिल रहा है। पिछले 40 वर्षो में 70 किताबें, 82 पेपर व 123 प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रकाशित की गई। यह जानकारी संस्थान के निदेशक प्रो. बद्री नारायण तिवारी ने स्थापना दिवस कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित ऑनलाइन आयोजन में दी।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत पं. गोविंद वल्लभ पंत के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। इस मौके पर प्रो. भास्कर मजूमदार ने सभी का स्वागत किया जब कि प्रो. केएन भट्ट ने पं. गोविंद वल्लभ पंत के विचारों की प्रासंगिकता पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉॅ. अर्चना सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ. कुणाल केशरी भी मौजूद रहे। शिक्षामंत्री ने दी बधाई
स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हुए ऑनलाइन आयोजन में शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी व्याख्यान दिया। उन्होंने संस्थान को चालीसवें स्थापना दिवस की बधाई दी। कहा कि संस्थान निरंतर सामाजिक शोध कर रहा है। इसका लाभ भी समाज को जरूर मिल रहा है। विश्वास जताया कि यह प्रक्रिया जारी रहेगी। दो पुस्तकों का हुआ विमोचन
ऑनलाइन आयोजन में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर ने दो पुस्तकों का भी विमोचन किया। इसमें से एक है प्रो. सुनीत सिंह, डॉ. रेवा सिंह व डॉ. रविंद्र त्रिपाठी द्वारा लिखी माइक्रोफिनास : मैनेजिंग प्रोसेसेज फॉर बेटर आउटरीच और दूसरी डॉ. चंदरइया गोपानी द्वारा लिखी गयी जस्टिस फॉर इनविजिबल दलित्स : मोबिलाइजेशन एंड स्ट्रगल्स ऑफ द मोस्ट माíजनलिज्ड दलित्स इन इंडिया है। इस मौके पर कोरोना महामारी के दौर में संस्थान द्वारा किए गए अध्ययन पर आधारित पुस्तक इम्पैक्ट ऑफ कोविद-19 का भी विमोचन किया गया। यह विमोचन इलाहबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर आर तिवारी ने किया। उन्होंने संस्थान की वाíषक रिपोर्ट का भी विमोचन किया।