प्रयागराज के Psychologist के टिप्स पर ध्यान दें, 'Coronavirus से डरें नहीं, इस पर विजय प्राप्त करने का रखें हौसला'
मनोवैज्ञानिक कमलेश तिवारी बताते हैं यह जो इस महामारी में आप घर बैठिए पुस्तकें पढ़िए शरीर को कष्ट दीजिए और व्यायाम कीजिए। फिल्में देखिए योग करिए चेहरे पर बच्चों जैसी ताजगी लाइए। साथ ही अपने शौक पूरे कीजिए। ये ’भय और भीड़’ का मनोविज्ञान सब की समझ नहीं आता है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोविड-19 महामारी के कारण ज्यादातर लोगों के मन में डर बैठ गया है, उससे बचना चाहिए। कोरोना से बचना तो आसान है लेकिन जो डर लोगों के अंदर बैठा है, उससे बचना मुश्किल है। अब इस महामारी से कम लोग, इसके डर के कारण लोग ज्यादा परेशान हैं। नजदीकी रिश्ता खत्म है, लोग एक-दूसरे से मिलना नहीं चाहते। ऐसे में डर से ज्यादा खतरनाक इस दुनिया में कोई भी वायरस नहीं है। इस डर को समझिए अन्यथा परेशान होंगे। यह कहना है मनोवैज्ञानिक कमलेश तिवारी का।
मनोवैज्ञानिक कमलेश बताते हैं यह जो इस महामारी में आप घर बैठिए, पुस्तकें पढ़िए, शरीर को कष्ट दीजिए और व्यायाम कीजिए। फिल्में देखिए, योग करिए, चेहरे पर बच्चों जैसी ताजगी लाइए। साथ ही अपने शौक पूरे कीजिए। ये ’भय और भीड़’ का मनोविज्ञान सब की समझ नहीं आता है।
मनोवैज्ञानिक ने दी सलाह कि ऐसा मत करें
ऐसा कोई भी विडियो या न्यूज़ मत देखिए, जिससे आपके भीतर डर पैदा हो। महामारी के बारे में बात करना बंद कर दीजिए। डर भी एक तरह का आत्म-सम्मोहन ही है। एक ही तरह के विचार को बार-बार आने से शरीर के भीतर रासायनिक बदलाव होने लगता है और यह खतरनाक होता है। महामारी के अलावा भी बहुत कुछ दुनिया में हो रहा है, उस पर ध्यान दीजिए।
कड़ाई से नियमों का पालन करने की दी सलाह
ध्यान-साधना से साधक के चारों तरफ एक प्रोटेक्टिव औरा बन जाता है, जो बाहर की नकारात्मक उर्जा को उसके भीतर प्रवेश नहीं करने देता है। ध्यान की नाव में बैठ कर हीं आप इस झंझावात से बच सकते हैं। शास्त्रों का अध्ययन कीजिए, साधु-संगत कीजिए, और साधना कीजिए, विद्वानों से सीखें। आहार का भी विशेष ध्यान रखिए, स्वच्छ जल पीए। धीरज रखिए जल्द ही सब कुछ बदल जाएगा। नियमों का कड़ाई से पालन करिए आवश्यकता पड़ने पर मित्रों से मदद कीजिए।