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किला से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, भरेगा सरकार का खजाना

ओडी को सीओडी ले जाने की तैयारी तेज हो गई है। इसी साल शिफ्ट हो सकता है। किला से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मेला प्राधिकरण पर्यटन विभाग और पुरातत्व विभाग विकास कार्य कराएगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 11:56 AM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 11:56 AM (IST)
किला से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, भरेगा सरकार का खजाना
किला से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, भरेगा सरकार का खजाना

प्रयागराज, जेएनएन। संगम स्थित किला से पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इससे सरकार का खजाना भी भरेगा। भारत के इस सबसे बड़े किले को और शानदार बनाकर इसे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनाया जा सकता है। किला के अंदर पर्यटकों के लिए मेला प्राधिकरण, पर्यटन विभाग और पुरातत्व विभाग विकास कार्य कराएगा। शीघ्र ही केंद्र और प्रदेश सरकार किला के सुंदरीकरण को लेकर कदम उठाएगी। जिस तरह के मध्य प्रदेश और राजस्थान के किलों से सरकार की आय तेजी से बढ़ी है उसी तरह उप्र सरकार भी अकबर के किले से आय बढ़ाने की तैयारी है। 

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ओडी फोर्ट में सेना के सभी सामान रखे जाते हैं 

किला स्थित आयुध भंडार (ऑर्डिनेंस डिपो) को केंद्रीय आयुध भंडार (सीओडी) छिवकी ले जाने की तैयारी तेज हो गई है। सीओडी में इसके लिए अलग से भवन समेत बड़े गोदामों का भी निर्माण हो गया है। ओडी फोर्ट में सेना के सभी सामान रखे जाते हैं। गोला-बारूद से लेकर कपड़े, वाहन आदि के रखने की व्यवस्था है। किला का 10 फीसद हिस्सा श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। मूल अक्षयवट, पातालपुरी, सरस्वती कूप में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं को किला में प्रवेश दिया जाता है। मूल अक्षयवट के दर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ के पहले घोषणा की थी, जिसके बाद भारी भीड़ उमड़ी। लगभग एक करोड़ श्रद्धालु अब तक अक्षयवट का दर्शन कर चुके हैं। अक्षयवट दर्शन के लिए प्रदेश सरकार ने लगभग तीन करोड़ रुपये से विकास कार्य कराए थे। 

धार्मिक स्थल के साथ ही पर्यटन के रूप में विकसित होगा

अब किला धार्मिक स्थल के साथ पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। अकबर के ऐतिहासिक किले को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। जल्द ही इसके लिए केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार बड़ा फैसला करेगी। दरअसल, कुंभ के दौरान प्रदेश सरकार की जब कैबिनेट बैठक हुई थी तब किला को खाली कराकर मेला प्राधिकरण को सौंपे जाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा था, जिसमें आग्रह किया गया था कि किला के अंदर कई अन्य देवी-देवताओं के मंदिर हैं, जिसके सुंदरीकरण के बाद दर्शन के लिए खोला जा सकता है। 

किले में जोधाबाई महल, रंगशाला, अकबर की तोपें और अशोक स्तंभ भी

इसके अलावा किला के अंदर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां देश और विदेश के पर्यटक किला को देखने आएंगे। अकबर का यह किला देश का सबसे बड़ा किला है। इस किले के निर्माण में लगभग 45 वर्ष लगे थे। इसकी नींव वर्ष 1583 में रखी गई थी। तब इसके निर्माण में 20 हजार से ज्यादा श्रमिक लगाए गए थे। उस जमाने में इसके निर्माण में छह करोड़ 17 लाख 20 हजार रुपये खर्च हुए थे। इसमें जोधाबाई महल, रंगशाला, अकबर की तोपें, अशोक स्तंभ, जोधा घाट, सलीम के पत्थरों के सिंहासन को पर्यटक करीब से देख सकेंगे। 

डेढ़ हजार का है स्टॉफ

ओडी फोर्ट में वर्तमान में लगभग डेढ़ हजार का स्टॉफ है। इसमें पांच सौ के करीब आर्मी के जवान व अफसर हैं जबकि एक हजार सिविलियन हैं। किला में सैन्य अफसरों के लिए आवासीय परिसर भी है। सीओडी में भी आवासीय परिसर है। 

रक्षा मंत्री और रक्षा सचिव भी आए

इसके लिए कुंभ के पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी किला में आ चुकी हैं। उन्होंने प्रशासन, पुलिस के साथ ही सैन्य अफसरों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की थी। उनके बाद रक्षा सचिव भारत सरकार भी आए थे और उन्होंने भी ओडी को सीओडी में शिफ्ट कराने की तैयारियों की समीक्षा की थी। 

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