'जल संचयन' की मुहिम से नई पौध को सींच रहीं प्रो. संगीता Prayagraj News
पिछले दस सालाें से प्रो. संगीता जल संचयन के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में होम साइंस विभाग की अध्यक्ष हैं प्रो. संगीता। एक लेख ने उन्हें नई दिशा दी।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में होम साइंस विभाग की अध्यक्ष और प्रवेश प्रकोष्ठ की चेयरपर्सन प्रो. संगीता श्रीवास्तव 'जल संचयन' की मुहिम से नई पौध को सींच रही हैं। वह इविवि के विद्यार्थियों को जल संचयन के लिए प्रेरित करने के साथ उन्हें इस मुहिम से और लोगों को जोडऩे की अपील कर रही हैं। इसके अलावा वह लोगों को जल संचयन के बारे में पिछले दस साल से जागरूकता अभियान चला रही हैं।
एक लेख ने बदल दी प्रो. संगीता की सोच
क्लाइव रोड की रहने वाली प्रो. संगीता ने बताया कि करीब दस वर्ष पहले वह एक लेख पढ़ रही थीं। उसमें बताया गया था कि बंगलुरु का एक व्यक्ति साइकिल से घूमकर लोगों को रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम के बारे में बता रहा था। इस पर लोगों ने उससे कुछ सीखने के बजाय उसे पागल कहना शुरू कर दिया। यह लेख उनके मस्तिष्क में इस कदर छा गया कि प्रो. संगीता ने जल संचयन को लेकर मुहिम छेड़ दी। उन्होंने अपने घर में रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया। इसके अलावा वह जल बचाने को लेकर विभाग में शोध कार्य भी करा रही हैं।
जलस्तर घटने से बीमारी बढ़ेगी : प्रो. संगीता
प्रो. संगीता का कहना है कि यदि जलस्तर घटेगा तो बीमारी भी देश में बढ़ेगी। ऐसे में सभी लोगों को रेन वॉटर हॉर्वेस्टिंग सिस्टम का प्रयोग करना चाहिए। प्रो. संगीता का कहना है कि इसके अलावा लोगों को पानी बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। लोगों को चाहिए कि वह उतना ही पानी लें, जितनी प्यास हो। कम पानी में कपड़े धुलें। साथ ही फव्वारे से स्नान करने के बजाय बाल्टी में पानी लेकर स्नान करें।
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