PM नरेंद्र मोदी एशिया के सबसे बड़े कंट्रोल रूम का प्रयागराज में 29 फरवरी को करेंगे उद्घाटन Prayagraj News
उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के पास सूबेदारगंज में मार्च 2017 में ईस्टर्न डीएफसी के कंट्रोल रूम का शिलान्यास हुआ था। कंट्रोल रूम में 11 गुना पांच मीटर की चार स्क्रीन लगाई जा रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 फरवरी को प्रयागराज आएंगे। पीएम मोदी सूबेदारगंज में बने एशिया के सबसे बड़े कंट्रोल रूम का उद्घाटन भी करेंगे। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (समर्पित मालभाड़ा गलियारा) के नए कंट्रोल रूम से लुधियाना (पंजाब) से दानकुनी (हावड़ा, पश्चिम बंगाल) की बीच चलने वाली माल गाडिय़ों की निगरानी प्रयागराज से होगी। डीएफसीसीआइएल ने 75 करोड़ की लागत से कंट्रोल रूम तैयार करवाया है।
मालगाडिय़ों के लिए अलग से एक कॉरीडोर तैयार हो रहा है
दिल्ली से हावड़ा रूट पर क्षमता से अधिक सवारी गाडिय़ां और मालगाडिय़ां चल रही हैं। ट्रैक पर गाडिय़ों का दबाव अधिक होने से ट्रेनें भी लेट होती हैं। इसलिए मालगाडिय़ों के लिए अलग से एक कॉरीडोर तैयार हो रहा है। 2022 तक ईस्टर्न डीएफसी का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद लुधियाना से लेकर दानकुनी तक मालगाडिय़ां को अलग रेलवे टै्रक पर चलाया जाएगा। यह ट्रैक भारतीय रेलवे के टै्रक के बगल और दूर से बन रहा है। इसके लिए तमाम पुल भी बनाए गए हैं। ईस्टर्न डीएफसी कुल 1854 किलोमीटर लंबा है।
मार्च 2017 में हुआ था कंट्रोल रूम का शिलान्यास
उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के पास सूबेदारगंज में मार्च 2017 में ईस्टर्न डीएफसी के कंट्रोल रूम का शिलान्यास हुआ था। कंट्रोल रूम में 11 गुना पांच मीटर की चार स्क्रीन लगाई जा रही है। इन स्क्रीन पर लुधियाना से लेकर दानकुनी के बीच चलने वाली सभी मालगाडिय़ों की स्थिति दिखाई देगी। कहां गेट बंद है, कहां नहीं। स्टेशन की गतिविधियां, सिग्गल से ब्लॉक की पूरी स्थिति स्क्रीन पर दिखाई देगी। विद्युत आपूर्ति के लिए अलग से स्क्रीन लगी है। ऑटोमेटिक कंट्रोल रूम से आसानी से ट्रेनों का परिचालन किया जा सकेगा। इसके लिए 250 रेल कर्मियों को वहां पर लगाया जाएगा। एग्जीक्युटिव डायरेक्टर सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे। डीएफसी के ट्रैक पर अधिकतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से माल गाडिय़ां दौड़ेंगी।
अब तक चल चुकी 9000 टन क्षमता वाली ट्रेनें
सितंबर 2019 से डीएफसी के अप लाइन में माल गाडिय़ों का परिचालन हो रहा है। रोजना पांच से छह माल गाडिय़ों डीएफसी के टै्रक पर दौड़ती हैं। मार्च 2020 तक भावपुर में डीएफसी का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद डीएफसी के ट्रैक पर रोजाना 40 से 50 माल गाडिय़ों का परिचालन हो जाएगा। डीएफसी टै्रक पर औसत 40 किलोमीटर पर एक जंक्शन बनाया जा रहा है। ईस्टर्न डीएफसीसी के मुख्य महाप्रबंधक ओम प्रकाश का कहना है कि 2020 तक ईस्टर्न डीएफसी का काम पूरा हो जाएगा। सभी मालगाडिय़ां डीएफसी ट्रैक पर चलेंगी। प्रयागराज से उनकी निगरानी होगी। इसके बाद दिल्ली-हावड़ा रूट पर नई सवारी गाडिय़ां आसानी से चलाई जा सकेंगी।
कार्यक्रम की तैयारी तेज, कैंप सात को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 29 फरवरी के कार्यक्रम की तैयारी जिला प्रशासन की ओर से तेज कर दी है। दिव्यांग कल्याण, समाज कल्याण विभाग, पंचायती राज, नगर निगम, लोक निर्माण, विद्युत विभाग, जल निगम समेत अन्य विभागों के अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सबसे अहम दिव्यांग कल्याण और समाज कल्याण विभाग की भूमिका है। दोनों विभागों की ओर से सर्वे कराकर दिव्यांगजनों की सूची तैयार कराई गई है। अब सात फरवरी को विशेष शिविर कलेक्ट्रेट के पास स्थित मेरी लूकस इंटर कॉलेज में आयोजित होगा जिसमें दिव्यांगों का परीक्षण किया जाएगा, जो छूट गए थे। उनका भी नाम सूची में जोड़ा जाएगा। छूटे पात्रों को पेंशन दिलाने के लिए प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी। प्रधानमंत्री परेड मैदान में होने वाले दिव्यांगजन उपकरण वितरण समारोह में शिरकत करेंगे। लगभग 26 हजार को उपकरण वितरित किए जाएंगे।
हर विधानसभा क्षेत्र से पांच हजार कार्यकर्ताओं का लक्ष्य
भाजपा ने भी तैयारी शुरू कर दी है। परेड मैदान में विधानसभा क्षेत्रों से पांच-पांच हजार कार्यकर्ताओं को बुलाने का लक्ष्य रखा है। आसपास के जिलों प्रतापगढ़, कौशांबी से भी कार्यकर्ता आएंगे। महानगर अध्यक्ष गणेश प्रसाद केसरवानी ने बताया कि लगभग एक लाख लोग शिरकत करेंगे। इसके लिए वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी जा रही है। शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी समारोह की तैयारियों को लेकर आएंगे और पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे।