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प्रतापगढ़ में आलू की आवक हुई कम, जानिए कितने रुपये किलो बिक रही

मंडी इंस्पेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि डिमांड के अनुसार जिले में आलू की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस वजह से आलू काफी महंगी बिक रही है। आलू का दाम इतना महंगा कभी नहीं हुआ था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 08:42 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 08:42 PM (IST)
प्रतापगढ़ में आलू की आवक हुई कम, जानिए कितने रुपये किलो बिक रही
प्रतापगढ़ में आलू की आवक हुई कम, जानिए कितने रुपये किलो बिक रही

प्रतापगढ़,जेएनएन। आलू सबकी पसंद और हर घर की जरूरत है। वहीं इन दिनों इसका दाम आसमान चढ़कर बोल रहा है। लोगों के लिए सहज उपलब्ध रहने वाला आलू भी रसोई से गायब हो रहा है। डिमांड के अनुसार आलू न आने से यह दिक्कत पैदा हुई है।

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40 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा आलू का दाम

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी, फरुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, इटावा को आलू का गढ़ माना जाता है। यहां पर आलू की अधिक पैदावार होती है। प्रदेश के साथ ही अन्य कई प्रांतों में यहीं से आलू की खपत होती है। आलू के दाम आसमान छूने से लोग इससे दूरी बनाने लगे हैं। इन दिनों जहां फुटकर में सफेद आलू 30 से 35 रुपये किलो बिक रहा है, वहीं लाल आलू 35 से 40 रुपये प्रति किलो है। जबकि महुली मंडी में थोक सफेद आलू 2600 रुपये प्रति कुंतल व लाल आलू 2900 रुपये कुंतल के हिसाब से बिक रहा है। बाहर से आलू की आपूर्ति न होने से दाम दिन पर दिन महंगा होता जा रहा है। कोरोना के संक्रमण की वजह से आलू की आपूर्ति कम होने से यह दिक्कत हो रही है। सीनियर मंडी इंस्पेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि डिमांड के अनुसार जिले में आलू की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस वजह से आलू काफी महंगी बिक रही है। आलू का दाम इतना महंगा कभी नहीं हुआ था।

बोले किसान

संड़वा चंद्रिका ब्लाक के सराय दली गांव के किसान रामराज वर्मा, धनौर के राम फेर, सराय भनई के मोती लाल, सकमपुर के छेदीलाल, उपाध्यायपुर के बाबूलाल, सदर के जहनईपुर के किसान नंदे सरोज, कुसमी के भोला पटेल, सराय ताराचंद्र के सूबा, देवगढ़ कमासिन के मनोज यादव आदि किसान बताते हैं कि बाजार में स्टाक कम होने से आलू का दाम आसमान छूने लगा है। डिमांड के मुताबिक आलू की आवक न  होने से यह समस्या हुई है। अब तो कुछ ही मात्रा में आलू खरीदकर काम चलाया जा रहा है। जहां पहले ग्राहक दो से पांच किलो आलू एक बार में खरीदते थे, वहीं अब ग्राहक किलो भर या फिर उससे कम आलू खरीद रहे हैं।


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