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Pulses Rate: महाराष्ट्र और एमपी से आवक बढ़ी तो घटे प्रयागराज में भी दाल के दाम

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से मुट्ठीगंज एवं चौक मंडियों में आवक बढ़ी तो हर तरह की दालों के दाम घट गए। थोक रेट के साथ फुटकर दाम में भी दो रुपये से लेकर छह-सात रुपये किलो की गिरावट हुई। इससे किचन का बजट थोड़ा संतुलित हो सकेगा।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 07:35 AM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 02:45 PM (IST)
Pulses Rate: महाराष्ट्र और एमपी से आवक बढ़ी तो घटे प्रयागराज में भी दाल के दाम
देश के यूपी और एमपी जैसे राज्यों में दाल लोगों के रोज के भोजन में शामिल है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। दीपावली के पहले से सब्जियों की महंगाई की ‘मार’ झेल रहे लोगों के लिए कुछ राहत की बात है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश (एमपी) से मुट्ठीगंज एवं चौक मंडियों में आवक बढ़ी तो हर तरह की दालों के दाम घट गए। थोक रेट के साथ फुटकर दाम में भी दो रुपये से लेकर छह-सात रुपये किलो की गिरावट हुई है। इससे महिलाओं के किचन का बजट थोड़ा संतुलित हो सकेगा। यह सब जानते हैं कि देश के यूपी और एमपी जैसे राज्यों में दाल लोगों के रोज के भोजन में शामिल है। बहुत से घरों में दोनों वक्त दाल पकती है। कम से कम एक बार तो हर घर में दाल जरूर बनती है। यहां तक कि बीमारी में भी मरीज को दाल का पानी देने की सलाह डाक्टर देते हैं। ऐसे में दाल की कीमत बढ़ने पर आम परिवारों की थाली में दाल की कमी होने लगती है। दाल के रेट में कमी पर पेश है दैनिक जागरण की खास रिपोर्ट...

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दो महीने पहले 100 रुपये किलो तक पहुंच गई थी अरहर की दाल

लगभग दो महीने पहले अरहर की दाल 100 रुपये किलो तक पहुंच गई थी। लेकिन, बीच में दाल की कीमत में धीर-धीरे करके सात-आठ रुपये किलो की कमी आई थी। फुटकर कारोबारी जय साहू बताते हैं कि अब अरहर की दाल के रेट में करीब चार-पांच रुपये किलो की कमी हुई है। अन्य दालों के दाम में भी गिरावट हुई है।

दाल- अक्टूबर माह- इस महीने (थोक व फुटकर रेट)

अरहर- 9200-95 - 8500-90

चना-6400-68- 6000-64

मटर- 6000-70 - 5800-68

मूंग- 9500-100 -9000-95

उड़द-8000-95 -9000-90

नोट: थोक रेट रुपये प्रति कुंतल, फुटकर दाम रुपये प्रति किलो में।

व्यापारी नेता का है कहना

मंडी में ज्यादातर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से हर तरह की दालें आती हैं। दोनों प्रांतों में दाल की फसलें तैयार हो जाने से आवक बढ़ गई है। इसकी वजह से करीब 15-20 दिनों से दाल की कीमतों में गिरावट हुई है। स्थानीय फसलें तैयार होने पर रेट में और कमी हो सकती है।

सतीश चंद्र केसरवानी, अध्यक्ष इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल।


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