कोरोना वायरस संक्रमण काल में Mustard Oil की कीमत और बढ़ने के आसार, थोक में वृद्धि का फुटकर पर भी पड़ेगा असर
होली पर्व के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों ने तेजी बनी हुई है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि कंपनियों ने जो संकेत दिए हैं। उससे सोमवार से सरसों के तेल के रेट में एक-दो रुपये किलो वृद्धि के आसार हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की मार से लोग पहले से ही परेशान हैं। अब तेल कंपनियां भी इसका फायदा उठाते हुए खूब मनमानी कर रही हैं। शुक्रवार को कंपनियों ने जो संकेत दिए हैं, उससे आज यानी सोमवार को सरसों के तेल की थोक कीमत में एक-दो रुपये किलो फिर वृद्धि होने के आसार हैं। थोक रेट बढऩे पर फुटकर दामों में भी तेजी आना तय है।
होली पर्व के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों ने पकड़ी है तेजी
होली पर्व के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों ने तेजी का रुख धरा तो फिर रेट कम होने का नाम नहीं लिया। पिछले शनिवार को सरसों के तेल का थोक रेट चढ़कर 2500 रुपये प्रति (15 किलो टिन) हो गया था। वहीं रिफाइंड 2300 रुपये (15 लीटर टिन) और पॉमोलिन 2250 रुपये (15 किलो टिन) हो गया था। करीब एक पखवारा पहले सोमवार को सरसों तेल का रेट चढ़कर 2450 रुपये (15 किलो टिन) हो गया था। मंगलवार को इसकी कीमत में करीब 20 रुपये टिन की फिर वृद्धि हुई। इससे रेट बढ़कर 2470 रुपये तक हो गया। रिफाइंड 2300 रुपये (15 लीटर टिन) और पॉमोलिन 2250 रुपये (15 किलो टिन) टिन था। सरसों के तेल की कीमत में लगातार वृद्धि होती रही।
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने यह कहा
फुटकर में सरसों तेल 160 से 180 रुपये किलो, रिफाइंड 160 से 170 रुपये लीटर और पामोलीन 130 से 135 रुपये किलो है। लोगों का कहना है कि खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर न सरकार का कोई ध्यान है और न ही प्रशासन का। इससे आम लोगों को परेशानी हो रही है। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि कंपनियों ने जो संकेत दिए हैं। उससे सोमवार से सरसों के तेल के रेट में एक-दो रुपये किलो वृद्धि के आसार हैं।