ब्लड प्रेशर, हार्ट, डायबिटीज की दवाओं का दाम बढ़ा, डिब्बाबंद दूध खरीदना भी हो गया महंगा
कोरोना के बढ़ते संकट से परेशान लोगों को च्यवनप्राश जैसे इम्युनिटी बूस्टर उत्पाद भी महंगे खरीदने पड़ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में जरूरत भर की दवाएं न होने से लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं। उनको बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है।
प्रतापगढ़, जेएनएन। कई जीवन रक्षक दवाओं के दाम एक बार फिर से बढ़ गए हैं। हृदयराेग, डायबिटीज व ब्लड प्रेशर सहित अन्य रोगों में काम आने वाली कई दवाएं 10 दिन में 20 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैं। डिब्बाबंद दूध के दाम भी बढ़ गए हैं। इससे लोगों की जेब ढीली हो रही है। दवा महंगी होने से लोगों में नाराजगी है।
मेडिकल स्टोर पर जाने पर रोगियों को मिल रहा महंगी दवा का डोज
इन दिनों मेडिकल स्टोर पर पर्चा लेकर जाने वाले लोगों को महंगा दवा का डोज मिल रहा है। यही नहीं कोरोना के बढ़ते संकट से परेशान लोगों को च्यवनप्राश जैसे इम्युनिटी बूस्टर उत्पाद भी महंगे खरीदने पड़ रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में जरूरत भर की दवाएं न होने से लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं। उनको बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है। समस्या यह भी है कि स्थानीय स्तर पर कोई नियंत्रण भी इस पर नहीं लग पा रहा है। शासन जब कोई अभियान चलाता है तभी औषधि प्रशासन विभाग सक्रिय होता है। डीआइ राहुल कुमार का कहना है कि छपे मूल्य पर ही दवाएं बेची जा सकती हैं। ओवररेटिंग करने पर विभाग कार्रवाई करेगा। बीच-बीच में छापेमारी की जाती है।
इतना आया दाम में अंतर
दाम किस तरह बढ़े हैं इसे समझने के लिए कुछ दवाओं के पुराने व नए दाम को देखना होगा। मधुमेह की दवा जीटेन 220 रुपये स्ट्रिप की जगह 231 हो गई है। ग्लूकोमेट का दाम 170 से बढ़कर 205 रुपये पहुंच गया है। ताकत के लिए खाई जाने वाली दवा बीवान 120 की जगह 131 रुपये में मिल पा रही है। गैस की दवा ओमेज डीसीआर 153 की जगह 177 रुपये में बिक रही है। पीएस फोर का पत्ता अब 165 रुपये का हो गया है। पिछले सप्ताह यह 150 रुपये में मिल जाता था। ब्लड प्रेशर की दवा टैजलाक एच 115 से बढ़कर 135 रुपये की मिल रही है। बच्चों का डिब्बाबंद दूध भी 350 रुपये से बढ़कर 375 रुपये हो गया है।