प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों को इंस्टीट्यूट बनाने की तैयारी Prayagraj News
प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेज राम मनोहर लोहिया संस्थान व एसजीपीजीआइ लखनऊ को ही इंस्टीट्यूट का दर्जा मिला है। अन्य मेडिकल कॉलेज दूसरे अलग-अलग संस्थानों के अधीन हैं।
प्रयागराज,जेएनएन । सरकार प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों को इंस्टीट्यूट बनाने की तैयारी कर रही है। पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कानपुर मेडिकल कॉलेज को शामिल किया गया है। इसी क्रम में पांच और मेडिकल कॉलेज प्रयागराज, मेरठ, झांसी, आगरा व गोरखपुर को भी इंस्टीट्यूट बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर सैद्धांतिक स्वीकृति भी दे दी है। इससे मरीजों के साथ डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सहूलियत मिलेगी।
अभी मेडिकल कॉलेज अन्य संस्थानों के अधीन हैं। प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेज राम मनोहर लोहिया संस्थान व एसजीपीजीआइ लखनऊ को ही इंस्टीट्यूट का दर्जा मिला है। अन्य मेडिकल कॉलेज दूसरे अलग-अलग संस्थानों के अधीन हैं। ऐसे में इन मेडिकल कॉलेज व उससे जुड़े अस्पतालों के संचालन में परेशानी होती है। इन मेडिकल कॉलेजों को इंस्टीट्यूट बनाने के लिए चिकित्सा विज्ञान संस्थान विधेयक बनाया जाएगा। उसके बाद सबसे पहले कानपुर मेडिकल कॉलेज को इंस्टीट्यूट में तब्दील कर दिया जाएगा। इंस्टीट्यूट होने से मेडिकल कॉलेज को अलग-अलग संस्थानों से डिग्री लेने की जरूरत नहीं होगी। यह इंस्टीट्यूट अपनी डिग्रियां खुद देंगे।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों को इंस्टीट्यूट बनाने की तैयारी है। इससे मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों की व्यवस्था बेहतर होगी। 2020 में कानपुर और 2021 में अन्य पांच मेडिकल कॉलेजों को इंस्टीट्यूट बना दिया जाएगा।
इंस्टीट्यूट होने से यह फायदा
-संविदा पर प्रोफेसर व डॉक्टर लेने की व्यवस्था होगी खत्म
-यूपीपीएससी के बजाय इंस्टीट्यूट अपने स्तर से नियुक्त करेंगे डॉक्टर
-पहले के सापेक्ष बजट बढ़ेगा, संबंधित अस्पतालों में संसाधन बढ़ेंगे
-इंस्टीट्यूट अपने स्तर से मेडिकल कॉलेज व अन्य सुविधाएं बढ़ा सकेंगे
-खत्म हो जाएगी दवा की कमी, अन्य तरह के सामानों की कमी भी होगी दूर