उद्यम को कर्ज देने के लिए बैंकों में 'प्री एप्रूव्ड' सिस्टम लागू, सरकार ने गाइडलाइन जारी की Prayagraj News
उद्योग उपायुक्त कहते हैं कि बैंकों से कर्ज लेने में किसी को किसी प्रकार की असुविधा हो रही है तो जिला उद्योग केंद्र को सूचित करें। इसका समाधान कराया जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एमएसएमई सेक्टर को तीन लाख करोड़ रुपये आवंटित किया है। मकसद यह है कि उद्यम में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हो सके। तय गाइडलाइन के मुताबिक उद्यमियों को कर्ज मुहैया कराने के लिए कुछ बैंकों ने पहले से लोन स्वीकृत (प्री एप्रूव्ड) सिस्टम लागू कर दिया है। लोन स्वीकृत करके शाखाओं को भेज दिया जाएगा। हालांकि, उद्यमी बैंकों की जटिल प्रक्रिया को लेकर आसानी से कर्ज मिलने को लेकर बिल्कुल आश्वस्त नहीं हैं।
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम
उद्यमियों को कर्ज देने के लिए सरकार ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है। योजना का नाम इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम रखा गया है। इस योजना में लिमिट का 20 फीसद लोन मिलेगा। हालांकि उद्यमियों को आसानी से लोन मिलने में बैंकों में स्टॉफ की कमी भी आड़े आ रही है।
जानें, क्या है प्रावधान
-20 फीसद मिलेगा आउटस्टैंडिंग लोन।
-लिमिट 25 करोड़ अथवा वित्तीय वर्ष 2019-20 में टर्नओवर 100 करोड़ तक हो।
-व्यक्तिगत नहीं बल्कि फर्म के नाम मिलेगा कर्ज।
बोले उद्यमी
कर्ज के लिए बैंक इतना ज्यादा दौड़ा देते हैं कि कमर टूट जाती है। सरकार भले सुविधा देती है, लेकिन बहुत से अधिकारी अपनी मानसिकता नहीं बदलते हैं। इसलिए लोन लेने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
- राकेश गुप्ता, डायरेक्टर संजय मेसर्स इंडस्ट्रीज
सरकार ने एमएसएमई के लिए राहत पैकेज घोषित कर दी है। लेकिन कर्ज के लिए बैंकों की प्रक्रिया और सरल होनी चाहिए। ताकि उद्यम और व्यापार के लिए आसानी से मदद मिल सके।
- संगीता राय, सीईओ विनायक इंटरप्राइजेज
बोले, लीड बैंक प्रबंधक
लीड बैंक ओएन सिंह कहते हैं कि राहत पैकेज के तहत कर्ज देने की स्वीकृति सभी बैंकों के बोर्डों से मिल गई है। बैंक ऑफ बड़ौदा पैकेज की कैटेगरी में आने वाले उद्यमियों के लोन पहले से स्वीकृत करके शाखाओं को भेज दे रहा है। शाखाओं से उद्यमी को एसएमएस भेजा जाएगा। वह कागजी कार्रवाई पूरा करके लोन ले सकते हैं। जिन्हें नहीं जरूरत है, वह लिखकर दे सकते हैं।
उद्योग उपायुक्त ने कहा
उद्योग उपायुक्त अजय कुमार चौरसिया का कहना है कि बैंकों से कर्ज लेने में किसी को किसी प्रकार की असुविधा हो रही है, तो जिला उद्योग केंद्र को सूचित करें। इसकी उच्च स्तर पर समीक्षा कराकर उसका समाधान कराया जाएगा।