अरहर की दाल के रेट बढ़ने से घटी बिक्री, प्रयागराज के थोक बाजार में 20 से 25 प्रतिशत की गिरावट आई
प्रयागराज में अरहर की दाल का रेट बढ़ा तो बिक्री घट गई है। थोक बाजार में 20 से 25 फीसद गिरावट दर्ज होने से व्यापारी परेशान हैं। दूरदराज के व्यापारियों ने दाल खरीदने से तौबा कर ली है। छोटे व्यापारी थोक बाजार में अरहर की दाल लेने नहीं आ रहे।
प्रयागराज, जेएनएन। अरहर की दाल ने प्रयागराज वासियों को तो परेशान कर ही रखा था। अब थोक व्यापारियों के माथे पर भी परेशानी की रेखाएं स्पष्ट नजर आने लगी है। वह इसलिए कि थोक रेट में अरहर की दाल में बढ़ोतरी होने से इसकी बिक्री अचानक घट गई है। पिछले तीन-चार दिनों से गल्ला मंडी में बिक्री में करीब 20 से 25 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। गिरावट की खास वजह दूरदराज के व्यापारियों द्वारा दाल की खरीद एकाएक रोक देना है।
सोमवार को अरहर की दाल के थोक रेट में अचानक पांच रुपये किलो की वृद्धि हो गई थी। इसकी वजह से दाल की थोक कीमत 100 से बढ़कर 105 हो गई थी। फुटकर रेट भी करीब 10 चढ़कर 110 से 115 किलो हो गई है। हालांकि, फुटकर रेट शहर के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग है। दाल की कीमत में वृद्धि की वजह मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के सटोरियों द्वारा स्टाक कर लिया जाना माना जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारी मंडी में दाल खरीदने दो-तीन दिनों से नहीं आ रहे
थोक गल्ला मंडी मुट्ठीगंज में अरहर की दाल इन्हीं राज्यों से आती है। मंडी से 40 50 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्रों से व्यापारी भी दाल खरीदने आते हैं। वहीं अरहर की दाल की कीमत में वृद्धि होने का असर भी स्पष्ट नजर आने लगा है। ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारी मंडी में दाल खरीदने दो-तीन दिनों से नहीं आ रहे हैं। दूर-दराज के व्यापारी थोक गल्ला मंडी मुट्ठीगंज में दाल आदि खरीदने के लिए आते हैं।
जनवरी में रेट कम होने के आसार
अरहर की दाल की कीमत करीब दो ढाई महीने तक कमोवेश स्थिर रहने की उम्मीद है। व्यापारियों को दाल की कीमत में कमी जनवरी महीने के शुरुआत में मध्य प्रदेश में नई फसल के तैयार होने से आने की उम्मीद है।
बोले, इलाहाबाद गल्ला-तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष
इलाहाबाद गल्ला-तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी कहते हैं कि इन दिनों शारदीय नवरात्र भी है और दाल की कीमत भी बढ़ी है। इससे लगता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में दाल की खपत कम हो गई है। इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारी दाल खरीदने नहीं आ रहे हैं। इसकी वजह से बिक्री करीब 20 से 25 फीसद कम हो गई है।