Move to Jagran APP

Kumbh mela 2019 : भीड़ का बेड़ा पार, हे प्रयागराज तुम्हें शत-शत प्रणाम...

कुंभ मेला 2019 के दूसरे शाही और सबसे खास स्‍नान पर्व मौनी अमावस्‍या पर प्रयागराज शहर को उपलब्धि मिली। इस शहर को एक दिन के लिए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बनने का गौरव मिला।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 05 Feb 2019 01:03 PM (IST)Updated: Tue, 05 Feb 2019 01:03 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : भीड़ का बेड़ा पार, हे प्रयागराज तुम्हें शत-शत प्रणाम...
Kumbh mela 2019 : भीड़ का बेड़ा पार, हे प्रयागराज तुम्हें शत-शत प्रणाम...

दुनिया के शहरों की आबादी

loksabha election banner

टोक्यो (जापान) : 3.7 करोड

दिल्ली (भारत) : 2.5 करोड़

शंघाई (चीन) : 2.5 करोड़

साओ पाउलो (ब्राजील) : 2.1 करोड़

कुंभनगर (प्रयागराज-भारत) : पांच करोड़

अंकित कुमार, कुंभनगर : एक दिन के लिए दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला शहर बने प्रयागराज को वाकई प्रणाम..., जिसने भीड़ के उस रेले का बेड़ा पार लगा दिया जिसकी मंजिल और मकसद एक ही था। तमाम मुश्किलों का सामना करते करीब पांच करोड़ लोगों की आमद को जिस ढंग से नियंत्रित किया गया, वो भी एक रिकॉर्ड है। किसी श्रद्धालु का न अपमान और न झुंझलाहट। पुलिस और प्रशासन ने लोगों को ठहरने नहीं दिया। संगम समेत 40 घाटों समेत समूचे कुंभ क्षेत्र और शहर में सत्कार के साथ लोगों का स्वागत हुआ और उसी भाव से विदाई। बिना किसी अनहोनी के देर रात तक यह सिलसिला अनवरत था।

 

उमड़ने वाली भीड़ का लगाया गया था अनुमान

दिव्य और भव्य कुंभ की नींव के साथ ही करीब 50 दिन के महा आयोजन में उमडऩे वाली भीड़ का अनुमान लगा लिया गया था। यह संख्या 15 करोड़ थी। उसपर भी मौनी अमावस्या पर करीब चार करोड़ लोगों के प्रयागराज पहुंचने का अनुमान था, इसी के साथ तय हो गया कि पहली बार प्रयागराज एक दिन के लिए सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर को पीछे छोड़ देगा। व्यवस्थाएं उसी को ध्यान में रखकर की गई थीं। नौ प्रमुख इंट्री प्वाइंट और 12 अन्य प्रवेश रूट बनाए गए थे। बाहर से आने वाले वाहनों के लिए शहर के चारों ओर 95 पार्किंग स्थल तय थे।

श्रद्धालुओं की खातिर सख्ती से शहरियों पर पाबंदी लगाई गई

आपात स्थिति से निपटने के लिए कुंभ क्षेत्र समेत शहर में स्पेशल कॉरिडोर बनाए गए। श्रद्धालुओं की खातिर सख्ती से शहरियों पर पाबंदी लगाई गई। समूचे संगम और पूरे शहर में 1200 से ज्यादा कैमरे लगाए गए और प्रयागराज प्राधिकरण में इंट्रीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के जरिये चप्पे-चप्पे की निगरानी का खाका खींचा गया।

अपेक्षा से ज्यादा उमड़ी भीड़, कसौटी पर रही व्यवस्था

जितना अनुमान था, व्यवस्था थी, भीड़ उस अनुमान को लांघ गई। अनुमानित संख्या पांच करोड़ तक छू गई। रविवार से ही लोगों का हुजूम प्रयागराज की ओर रुख किए हुए था। तमाम हाईटेक व्यवस्था और व्यवस्था से लैस प्रशासन की चुनौती बढऩा लाजिमी थी। यह आम शहर नहीं, भीड़ का वह रेला था, जिसका कोई परमानेंट घर ठिकाना नहीं था। खुले आसमान के नीचे एक ही धुन में सब घूम रहे थे। हालांकि, जिस ढंग से रविवार रात और सोमवार सकुशल गुजर गया किसी चमत्कार से कम नहीं था।

दुनिया ने देखा सबसे बड़ा क्राउड मैनेजमेंट

दो दिन में जुटी भीड़ को सोमवार देर शाम तक काफी हद तक विदा कर दिया गया। इसके लिए आइट्रिपलसी से 24 घंटे निगरानी के साथ-साथ अफसरों, पुलिस कर्मियों की बड़ी भूमिका रही। संगम और घाटों पर भीड़ को बिल्कुल चलायमान रखा गया। तय रूट और कदम-कदम पर मददगार बनकर खड़ी पुलिस ने काम आसान किया। जरूरत पडऩे पर नए कॉरिडोर खोलकर भीड़ को पास किया। जहां भीड़ बढ़ी रस्सा लगाकर डायवर्ट कर दिया। इसके लिए हर रास्ते पर भीड़ की थाह लेकर वायरलेस और लाउडस्पीकर गूंजते रहे। चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों, वालंटियर्स ने राह दिखाकर श्रद्धालुओं के सत्कार के साथ मददगार की भूमिका निभाई। स्नान के समय से लेकर जाने तक का वक्त तय कर दिया गया था। लोग आए, नहाए और रवाना हो गए। हालांकि, शहर में कुछ दिक्कतें हुईं, मगर एक दिन के लिए जुटने वाले श्रद्धालुओं के रेले जिस तरह गुजार दिया गया, दुनिया में ऐसा कहीं नहीं।

...मगर श्रद्धालुओं का मुश्किलों से सामना

भव्य और सुरक्षित कुंभ की कोशिश में श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दोगुने क्षेत्रफल में मेला फैला हुआ था। घाटों की संख्या भी 40 के पार। संगम तक पहुंचने के लिए वाहनों को 20 किमी पहले ही रोक दिया गया। साथ ही शहर में भी तमाम रूट पर वाहन प्रतिबंधित रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि घाट की तलाश में श्रद्धालुओं को कई किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ा। कई जगह रास्ता न होने के चलते उन्होंने दूसरे रूट पर भेजा दिया, कहीं भीड़ बढऩे पर बंद हुए रास्ते के कारण उन्हें दूसरी राह पकडऩी पड़ी। बामुश्किल कुंभनगर में दाखिल हो पाए।

खास-खास

-इंट्रीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से कुंभनगर से लेकर पूरे प्रयागराज पर पैनी नजर

-भीड़ के रेला का आभास होते ही उसे दूसरे रास्ते पर मोड़कर रखे गतिमान 

-संगम समेत 40 घाटों पर श्रद्धालुओं का स्नान के लिए स्वागत और तुरंत विदाई

-मुस्कुराते चेहरों के साथ पुलिस लोगों को दिखाई राह, हर चौराहे और सड़क पर तैनाती

-संगम क्षेत्र में गूंजती रहीं सीटी, लाउड स्पीकर पर अफसरों की अपील


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.