प्रयागराज रेलवे जंक्शन काे दो वर्षों में विकसित किया जाएगा, बनेंगे मल्टी स्टोरी आवासीय भवन
आइआरएसडीसी का गठन 2012 में किया गया था। इसके द्वारा ही जंक्शन को विरासत भी विकास भी थीम पर विकसित किया जाना था लेकिन बोर्ड द्वारा आइआरएसडीसी को बंद किए जाने से अब क्षेत्रीय मुख्यालय ही पुनर्विकास की जिम्मेदारी निभाएगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज रेलवे जंक्शन अगले दो वर्षों में बदला-बदला सा नजर आएगा। जंक्शन का पुनर्विकास अब उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय स्वयं करेगा। भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम (आइआरएसडीसी) बंद किया गया है। इससे जुड़ा पत्र जोन मुख्यालय भेजा गया है। प्रयागराज जंक्शन के विकास के लिए जितनी भी तैयारी की गई थी, उसकी पूरी फाइल एनसीआर को दी गई। अब आगे स्टेशन पुनर्विकास की सभी जिम्मेदारियों का निर्वाहन क्षेत्रीय रेलवे मुख्यालय करेगा।
एनसीआर मुख्यालय प्रयागराज जंक्शन का करेगा पुनर्विकास
आइआरएसडीसी का गठन 2012 में किया गया था। इसके द्वारा ही जंक्शन को विरासत भी विकास भी थीम पर विकसित किया जाना था, लेकिन बोर्ड द्वारा आइआरएसडीसी को बंद किए जाने से अब क्षेत्रीय मुख्यालय ही पुनर्विकास की जिम्मेदारी निभाएगा। प्रयागराज के अलावा, कानपुर व ग्वालियर स्टेशन का भी पुनर्विकास एनसीआर ही करेगा।
सिविल लाइंस तरफ की रेलवे कालोनी ध्वस्त होंगी, बनेगी नई बिल्डिंग
प्रयागराज में सिविल लाइंस साइड में स्मिथ रोड कालोनी के तीसरे मार्ग से सातवें मार्ग तक के बीच में बनी सभी रेलवे कालोनियों को ध्वस्त किया जाएगा। इनके स्थान पर नई बिल्डिंग बनेंगी। इसके अलावा प्लेटफार्म नंबर छह के कानपुर छोर की ओर बनी हुई पुरानी रेलवे बिल्डिंग को भी ध्वस्त कर नए भवन बनाए जाएंगे। यह सभी भवन आवासीय होंगे, जो रेलवे कर्मचारियों को आवंटित होंगे। अभी कुल 280 नए आवासीय भवन बनाने की योजना है। मौजूदा समय में रेलवे कालोनियों में रहने वाले परिवारों ने आवास ध्वस्त किए जाने का विरोध किया। इसके कारण अभी तेजी से कोई कार्य शुरू नहीं हो सका है।
रेलवे कालोनियों की जगह बनेंगे नए आवासीय भवन
दो वर्षों में जंक्शन का पुनर्विकास होगा। पुरानी रेलवे कालोनियों की जगह नए आवासीय भवन बनाएं जाएंगे। यहां मल्टीस्टोरी बनेगी, जो रेलवे कर्मचारियों को आवंटित होगा।
एनसीआर के सीपीआरओ ने कहा- 400 करोड़ की लागत से होगा पुनर्विकास
एनसीआर के सीपीआरओ डा. शिवम शर्मा ने बताया कि आइआरएसडीसी को बंद कर दिया गया है। स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य एनसीआर स्वयं करेगा। सिविल लाइंस साइड में 400 करोड़ की लागत से पुनर्विकास होना है। इसमें ही मल्टी स्टोरी आवासीय भवन का निर्माण भी किया जाना है।