Prayagraj Railway Junction : कोरोना संक्रमण काल में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था तो है, फिर भी यात्री हैं अनजान
Prayagraj Railway Junction प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों के सामान को सैनिटाइज करने के लिए 20 नवंबर से लगेज सैनिटाइज मशीन व रैपिंग मशीन लगी है। यहां से सामान को सैनिटाइज कराने के लिए यात्रियों को 10 रुपये का भुगतान करना होता है। सामान की रैपिंग का 50 रुपये चार्ज है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज रेलवे स्टेशन से होकर विभिन्न ट्रेनों से देश भर के यात्री आते और जाते हैं। ट्रेनों पर चढ़ने और उतरने वालों की भी भीड़ नित्य रहती है। कोरोना संक्रमण काल में जंक्शन पर यात्रियों के सामानों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था भी रेलवे की ओर से की गई है। इसके बाद भी यहां आने वाले यात्री इस सेवा का लाभ नहीं उठाते। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि द्वार बंद होने से यात्री नई सेवा व्यवस्था से अनजान हैं।
जंक्शन पर लगेज सैनिटाइज व रैपिंग मशीन लगाई गई है
प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों के सामान को सैनिटाइज करने के लिए 20 नवंबर को लगेज सैनिटाइज मशीन व रैपिंग मशीन लगाई गई थी। यहां से सामान को सैनिटाइज कराने के लिए यात्रियों को 10 रुपये का भुगतान करना होता है। वहीं सामान की रैपिंग के लिए 50 रुपये देने होते हैं। रेलवे ने इस सेवा को ऐच्छिक शुरू किया। हालांकि यात्रियों के नहीं आने से यहां तैनात किए गए कर्मचारी भी निराश हैं। उनका कहना है कि मुख्य द्वार बंद होने से यात्री इस सर्विस का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।
27 नवंबर को महज एक ग्राहक ने बैग सैनिटाइज कराया
कर्मचारी के मुताबिक, 20 से 26 नवंबर तक 25 सौ रुपये कमाई हुई थी। 26 नवंबर को गेट खोलने से महज एक घंटे में 16 सौ रुपये का कलेक्शन हुआ था। इसके बाद स्थिति ठीक नहीं है। 27 नवंबर को महज एक ग्राहक ने बैग सैनिटाइज कराया। इससे 10 रुपये आय हुई। 28 को 90 रुपये व 29 नवंबर को 10 रुपये आय हुई। 30 नवंबर को तो बोहनी ही नहीं हुई। निजी कंपनी की ओर से लगाई गई मशीन पर ग्राहक न आने से नुकसान हो रहा है।
सेंसर खराब होने के कारण मशीन कार्यरत नहीं है
रेलवे स्टेशनों को प्लास्टिक फ्री करने की रेलवे की मुहिम चरमरा गई है। प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन पर लगाई गई प्लास्टिक बोतल क्रशर मशीन खराब हो गई है। दरअसल, प्रयागराज जंक्शन को अपग्रेड करने की योजना के तहत यहां प्लास्टिक पर पाबंदी लगाने के उद्देश्य से स्टेशन परिसर में प्लास्टिक बोतल क्रश करने वाली मशीन लगाई गई हैं। यात्री अक्सर प्लास्टिक की बोतल स्टेशन परिसर पर ही फेंक देते थे। इन बोतलों को इस्तेमाल करने योग्य बनाने के उद्देश्य से बोतल क्रशन मशीन लगाई गई थी। वहीं प्लेटफार्म नंबर एक पर लगाई गई मशीन पर 'सेंसर खराब होने के कारण मशीन कार्यरत नहीं है' का नोटिस लगा दिया गया है।