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Prayagraj Police ठगी करने वाले आलोक से बंदूक बरामद कराएगी, हत्या के समय गायब हुई थी गार्ड की बंदूक

इंस्पेक्टर अनुपम शर्मा का कहना है कि अभियुक्त आलोक का वारंट बी तामील करवाया जा चुका है। अब उसका रिमांड बनवाया जाएगा और फिर बयान दर्ज किया जाएगा। इसी दौरान उससे गार्ड की बंदूक के बारे में जानकारी जुटाकर बरामदगी की कोशिश की जाएगी।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 04:43 PM (IST)
Prayagraj Police ठगी करने वाले आलोक से बंदूक बरामद कराएगी, हत्या के समय गायब हुई थी गार्ड की बंदूक
धूमनगंज पुलिस जल्द ही आलोक का रिमांड लेकर उसका बयान दर्ज करेगी।

प्रयागराज,जेएनएन। करोड़ों की ठगी करने के आरोपित हिस्ट्रीशीटर आलोक मिश्रा से पुलिस दो नाली बंदूक भी बरामद कराएगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। धूमनगंज पुलिस जल्द ही आलोक का रिमांड लेकर उसका बयान दर्ज करेगी। फिर आगे की कार्रवाई होगी। हत्या के वक्त सिक्योरिटी गार्ड राजेंद्र उपाध्याय की लाइसेंसी दोनाली बंदूक गायब हुई थी, जिसका आज तक पता नहीं चल सका है।

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प्रतापगढ़ के लालगंज इटौरी गांव निवासी सत्येंद्र नाथ मिश्रा के बेटे आलोक के खिलाफ धूमनगंज थाने में 22 जून 2017 को उसके ही सिक्योरिटी गार्ड राजेंद्र की हत्या के आरोप में मुकदमा लिखा गया था। एफआइआर कौशांबी के चरवा समसपुर गांव निवासी राजेंद्र की पत्नी रमा देवी ने लिखाई थी। रिपोट में यह भी आरोप था कत्ल के बाद शव को बहरिया में फेंका गया और गार्ड का मोबाइल व दोनाली बंदूक गायब है। पुलिस मुकदमे में वांछित आलोक मिश्रा की तलाश कर रही थी, लेकिन चार साल तक उसका सुराग नहीं लग सका था। अब प्रतापगढ़ में उसकी गिरफ्तारी हो गई है, लिहाजा धूमनगंज पुलिस भी अपने मुकदमे में कार्रवाई कर रही है। इंस्पेक्टर अनुपम शर्मा का कहना है कि अभियुक्त आलोक का वारंट बी तामील करवाया जा चुका है। अब उसका रिमांड बनवाया जाएगा और फिर बयान दर्ज किया जाएगा। इसी दौरान उससे गार्ड की बंदूक के बारे में जानकारी जुटाकर बरामदगी की कोशिश की जाएगी।

वकील की हुई थी गलत नामजदगी

हत्या के मुकदमे में आलोक के साथ उसके अधिवक्ता मामा विष्णु पांडेय को भी नामजद किया गया था। हालांकि इंस्पेक्टर धूमनगंज का कहना है कि अधिवक्ता की ओर से इस संबंध में कोर्ट में रिट दायर की गई थी, जिस पर विवेचना हुई तो नामजदगी गलत पाई गई थी। इसके बाद मुकदमे से विष्णु पांडेय का नाम हटा दिया गया। वहीं, अधिवक्ता का कहना है कि आलोक उनका सिर्फ मुवक्किल था न कि रिश्तेदार। कुछ लोगों के उकसाने और गलतफहमी में अभियुक्त के साथ उनका नाम जोड़ दिया गया था। सही तथ्य जानने के बाद वादिनी ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र दिया, जिसके बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया था।


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