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अस्पताल में फायरिंग करने वालों की तीन रोज बाद भी पहचान नहीं सकी प्रयागराज पुलिस

अगर कोई इस घटना के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे सकेगा तो पुलिस के लिए उपद्रवियों के बारे में पता करना कठिन होगा क्योंकि फुटेज में हमलावरों के चेहरे मोहरे एकदम साफ नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में हमलावर कौन थे यह कोई नहीं जानता।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 11:37 AM (IST)
अस्पताल में फायरिंग करने वालों की तीन रोज बाद भी पहचान नहीं सकी प्रयागराज पुलिस
तोड़फाेड़ और फायरिंग करने वालों की पहचान तीन दिन बाद भी सिविल लाइंस पुलिस नहीं कर पाई

प्रयागराज, जेएनएन। अमन अस्पताल में मारपीट, तोड़फाेड़ और फायरिंग करने वालों की पहचान तीन दिन बाद भी सिविल लाइंस पुलिस नहीं कर पाई है। ऐसा तब है, जबकि आरोपितों की तस्वीर सीसीटीवी फुटेज में कैद मिली है। इसके बावजूद अब तक एक भी अभियुक्त की शिनाख्त पुलिस नहीं कर पाई है। इसके अलावा किस रोगी की मौत हुई थी, इसकी भी जानकारी जुटाने में पुलिस नाकाम है। सिविल लाइंस स्थित अस्पताल में नकाबपोश युवकों ने घुसकर खासा बवाल काटा था। उन युवकों ने अस्पताल के बाहरी हिस्से औऱ रिशेप्सन में तोड़फोड़ की थी। कुछ ही पल में तोड़फोड़ कर वे भाग गए थे। उनमें कई युवकों ने चेहरे पर रूमाल बांध रखा था।

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पुलिस पहुंची तो जा चुके थे हमलावर

खबर पाकर पुलिस पहुंची तो हर तरफ कांच बिखरा था। वे कौन थे, अभी रहस्य बना है। पुलिस का कहना है कि अज्ञात लोगों के खिलाफ केस लिखकर छानबीन की जा रही है। हमलावरों के बारे में पता लगाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है लेकिन अब तक इस दिशा में कामयाबी नहीं मिल सकी है। अगर कोई इस घटना के बारे में सटीक जानकारी नहीं दे सकेगा तो पुलिस के लिए उपद्रवियों के बारे में पता करना कठिन होगा क्योंकि फुटेज में हमलावरों के चेहरे मोहरे एकदम साफ नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में हमलावर कौन थे, यह कोई नहीं जानता। अगले दो-तीन दिन में संभव है कि पता चल सके कि किन लोगों ने यूं वहां बवाल काटा था।

दो शराब तस्करों की खोली गई हिस्ट्रीशीट

प्रयागराज : शिवकुटी पुलिस ने शराब तस्कर भारत और मोना भारतीया की हिस्ट्रीशीट खोल दी है। अब दोनों 24 घंटे पुलिस की निगरानी में रहेंगे। थानाध्यक्ष शिवकुटी मनीष त्रिपाठी ने बताया दोनों आरोपित चिल्ला गोविंदपुर के रहने वाले हैं। मोना के खिलाफ आबकारी अधिनियम सहित कुल 10 मुकदमे हैं। जबकि भारत के विरुद्ध चार केस दर्ज हैं। दोनों लंबे समय से अवैध शराब बनाने और तस्करी में संलिप्त थे।


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