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छह महीने में छका डाला प्रयागराज पुलिस को, चोरी-छिनैती करने वाले तीन अपराधी CCTV फुटेज के सहारे पकड़े गए

खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने वाहन चोरी और मोबाइल छीनने वाले इस गैंग का राजफाश किया तो पता चला कि वे कौशांबी के सराय अकिल से शहर आकर छिनैती- चोरी की घटनाएं अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने तीन बदमाशों से 11 बाइक 41 माेबाइल तमंचा-कारतूस नकदी बरामद की

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2022 01:47 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 01:47 PM (IST)
छह महीने में छका डाला प्रयागराज पुलिस को, चोरी-छिनैती करने वाले तीन अपराधी CCTV फुटेज के सहारे पकड़े गए
खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने वाहन चोरी और मोबाइल छीनने वाले गैंग का राजफाश किया

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। छह महीने से लगातार चोरी-छिनैती करने वाले इन तीन युवकों ने पुलिस की नाक में दम कर दिया था। खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने वाहन चोरी और मोबाइल छीनने वाले इस गैंग का  राजफाश किया तो पता चला कि वे कौशांबी के सराय अकिल से प्रयागराज शहर आकर छिनैती और चोरी की घटनाएं अंजाम दे रहे थे। पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर 11 बाइक, 41 माेबाइल, तमंचा-कारतूस, 4200 रुपये बरामद किया। पूछताछ में पता चला कि छह माह से वह घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।

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बाइक चोरी के बाद तलाश में जुटी पुलिस ने दबोचा

रेलवे स्टेशन के पास से 19 सितंबर को एक बाइक चोरी हो गई थी। खुल्दाबाद पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे। एसएसआइ रामकिशोर सिंह, एसआइ अमित सिंह, अजय कुमार व मुकेश कुमार आदि बदमाशों की तलाश में लगे रहे और शनिवार देर रात जोगीवीर तिराहे के पास से तीन को पकड़ लिया। इनसे पूछताछ के बाद 11 बाइक, 41 मोबाइल बरामद हुए।

कौशांबी में सराय अकिल के हैं अपराधी

एसपी सिटी संतोष कुमार मीना ने इस गैंग का राजफाश करते हुए बताया कि गिरफ्तार बदमाशों में कौशांबी में सराय अकिल के इछना गांव का कुलदीप त्रिपाठी और ऋषि गौतम तथा फकीराबाद का नीरज यादव शामिल हैं। इनका एक साथी राज भाग निकलने में सफल रहा।

बाइक चोरी के साथ मोबाइल छिनैती भी

छह माह से यह बाइकों को चोरी करते थे। धूमनगंज, खुल्दाबाद, सरायअकिल, पिपरी, पूरामुफ्ती समेत कई इलाकों से 20 से अधिक बाइक चोरी कर चुके हैं। बाइकों का नंबर बदलकर और फर्जी कागजात तैयार कर इसे कम दाम पर बेच देते थे। झपट्टा मारकर लोगों का मोबाइल भी छीनते थे। 80 से अधिक मोबाइल अब तक छीन चुके हैं। इसे ग्रामीण इलाकों में कम दाम पर बेचते थे। जो रुपये मिलते थे, उसे आपस में बांटकर अपनी जरूरत पूरा करते थे।


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