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तीर्थपुरोहित के तीन हत्‍यारोपित बंंदूक को ठिकाने लगाने पहुंचे थे, प्रयागराज पुलिस ने किया गिरफ्तार

तीर्थपुरोहित की हत्‍या के दौरान राजा बाबू ने अपने सालों को गोली मारने के लिए उकसाया था। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपित बाइक से फरार हो गए थे। अरैल में छिपाई गई बंंदूक को ठिकाने लगाने के लिए वे पहुंचे थे तभी पुलिस ने गिरफ्तार किया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 06:41 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 06:41 PM (IST)
तीर्थपुरोहित के तीन हत्‍यारोपित बंंदूक को ठिकाने लगाने पहुंचे थे, प्रयागराज पुलिस ने किया गिरफ्तार
प्रयागराज में तीर्थपुरोहित की हत्‍या के तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के तीर्थपुरोहित आशीष तिवारी उर्फ बबुआ के हत्यारोपित पुलिस गिरफ्त में आ गए हैं। हनुमान तिवारी, उसके भाई शिव प्रसाद और बहनोई राजा बाबू मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके कब्जे से हत्या में प्रयुक्त दो लाइसेंसी डबल बैरल बंदूक, पांच कारतूस व खोखा बरामद हुआ। हालांकि बाइक बरामद नहीं हुई है। पुलिस ने इन पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।

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एसएसपी बोले- यजमानी को लेकर विवाद था : गुरुवार की शाम पुलिस लाइन सभागार में हत्‍यारोपितों को मीडिया के सामने पेश किया गया। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि अरैल सच्चा बाबा नगर निवासी आशीष व हनुमान तिवारी पक्ष के बीच यजमानी का विवाद चला आ रहा था। मंगलवार सुबह उनके बीच झगड़ा हुआ तो हनुमान और उसके भाई शिवप्रसाद ने लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग की। गोली लगने से आशीष की मौत हो गई, जबकि उसके भाई कमलेश व रामशंकर जख्मी हो गए थे। उनका स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में इलाज चल रहा है।

राजाबाबू ने सालों को गाेली मारने के लिए उकसाया था : एसएसपी ने बताया कि कि घटना के दौरान राजा बाबू ने अपने सालों को गोली मारने के लिए उकसाया था और कारतूस का पट्टा लेकर मदद की। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों बाइक से फरार हो गए थे। इनके असलहों का लाइसेंस भी निरस्त करवाया जाएगा। बताया कि गुरुवार को जब अरैल में छिपाई गई बंंदूक को ठिकाने लगाने के लिए पहुंचे तभी एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित, सीओ करछना राजेश यादव और इंस्पेक्टर नैनी सुरेश कुमार वर्मा ने घेरेबंदी करके तीनों को दबोच लिया।

ट्रक में बैठकर पहुंच गए थे शहडोल : पुलिस का कहना है अरैल से तीनों आरोपित बाइक से भागे। सरगम चौराहे पर हनुमान उतर गया और तय किया कि सभी लोग चाकघाट रीवा में मिलेंगे। हनुमान टैक्सी से और शिव प्रसाद व उसका जीजा बाइक से चाकघाट तक पहुंचे। इसके बाद बाइक छोड़कर और मोबाइल तोड़कर एक ट्रक में सवार हो गए। मध्य प्रदेश के शहडोल पहुंचे और रातभर जंंगल में छिपे रहे। इस दौरान एक दुकानदार के मोबाइल से साथी को फोन भी किया गया था।

पहले आशीष के भाई ने किया था हमला : आरोपित हनुमान ने मीडिया से कहा कि मंगलवार सुबह 11 बजे आशीष के भाइयों ने गाली-गलौज करते हुए डंडे से हमला किया था। इसके बाद ही वह भागा और घर पहुंचकर बंदूक निकालकर भाई के साथ फायरिंग की थी।

.......पुलिस की भूमिका की जांच - घटना के दिन पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था। कहा था कि सोमवार को पुलिस को तहरीर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहींं हुई थी। एसएसपी ने कहा कि इस मामले में जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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