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कैसे हो अपराध नियंत्रण, पुलिस में निजाम तो बदला मगर हालात तो वही हैं Prayagraj News

अपराध नियंत्रण में नाकामी के कारण प्रयागराज के तत्कालीन एसएसपी को निलंबित किया गया था। नए एसएसपी ने पुलिस में काफी बदलाव किए मगर वारदातों पर काबू नहीं है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 05:19 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 05:19 PM (IST)
कैसे हो अपराध नियंत्रण, पुलिस में निजाम तो बदला मगर हालात तो वही हैं Prayagraj News
कैसे हो अपराध नियंत्रण, पुलिस में निजाम तो बदला मगर हालात तो वही हैं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जनपद में अपराध थम नहीं रहा है। वारदातों की झड़ी सी लगी है। दीपावली के दिन भी चार कत्ल हो गए। कुछ ही घंटे के भीतर गोली मारकर कत्ल की कोशिश की भी दो घटनाएं। ऐसे में आला अधिकारियों के भी पेशानी पर बल आना लाजिमी है। सवा दो महीने पहले ऐसी ही एक रात छह लोगों की हत्या के बाद शासन ने लापरवाही में तत्कालीन एसएसपी अतुल शर्मा को निलंबित किया था। मगर अपराध की स्थिति देखकर यह कह सकते हैं कि निजाम बदला मगर हालात नहीं। नए कप्तान के कार्यकाल में भी जिले में कत्ल और लूट की घटनाएं जारी हैं।

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चौफटका में 19 अगस्त की रात में कई हत्याओं पर एसएसपी निलंबित हुए थे 

19 अगस्त की उस रात चौफटका में सरेराह तीन लोगों की हत्या, अल्लापुर में सचिन सोनकर और थरïवई में दंपती के कत्ल से शासन तक हलचल मच गई थी। इन वारदातों में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई थी। चार दारोगाओं को सस्पेंड किया गया था। शासन ने अपराध नियंत्रण में उदासीनता और लापरवाही पर तत्कालीन एसएसपी अतुल शर्मा को पहले स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया और शाम होने तक निलंबित भी कर दिया। उनकी जगह इमानदारी और साफ छवि के सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज को जिले में अपराध पर काबू पाने के लिए भेजा गया। नए कप्तान ने आने के बाद दागी और लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। तीन सौ से ज्यादा सिपाहियों और दो दर्जन से ज्यादा दरोगाओं की तैनाती में बदलाव किया।

नए एसएसपी की सख्ती के बाद भी नहीं थम रहा अपराध

नैनी, धूमनगंज, हंडिया के इंस्पेक्टर का जिले से बाहर तबादला करा दिया गया। अपराधियों पर शिकंजा कसने के संदेश के साथ नए थानेदारों और चौकी प्रभारियों की तैनाती की गई। क्राइम ब्रांच के इंटेलीजेंस विंग के सभी सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। मगर इन सबके बावजूद अपराध थम ही नहीं रहा है। दीपावली के बाद चार कत्ल के पहले भी लगातार हत्या, लूट छिनैती की घटनाएं होती रही हैं। मऊआइमा में बैंक लूट, उसी इलाके में चार लाख रुपये लूट की दूसरी वारदात, सिविल लाइंस में कैश वैन से 1.52 करोड़ की चोरी, तीन दिन पहले मांडा में ढाई लाख की लूट, पिछले हफ्ते फाफामऊ में आयकर विभाग के लिपिक की हत्या, उतरांव में युवती का कत्ल तो कुछ प्रमुख मामले हैं।

सवा दो माह में हत्या की लगभग दो दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं

सवा दो माह में हत्या की लगभग दो दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं। बैंक लूट की वारदात में गिरफ्तारी भी की तो प्रतापगढ़ पुलिस ने। ऐसे में साफ है कि तमाम बदलाव के बावजूद वैसी पुलिसिंग नहीं हो पा रही है जैसी एसएसपी चाहते हैं, वरना घटनाओं में कमी आती। शायद यही वजह है कि चार कत्ल समेत अन्य वारदातों के बाद मंगलवार रात एसएसपी ने क्राइम मीटिंग में जनपद के सभी थानेदारों और क्षेत्राधिकारियों को चेतावनी दी कि गंभीरता से काम करें वरना सख्त कार्रवाई करने में देरी नहीं होगी।

ये घटनाएं चुनौती बनी

- मऊआइमा में 19 जुलाई की सुबह बैंक मैनेजर अनिल दोहरे की हत्या करने वाले शूटरों की गिरफ्तारी

- सिविल लाइंस में कैश वैन से 1.52 करोड़ चुराने वालों की धरपकड़।   


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