World Animal Day: संगमनगरी में गंगा-यमुना ही नहीं दूध की भी धारा, बढ़ी दुधारू पशुओं की संख्या
World Animal Day यहां गांव-गांव और घर-घर पशु पालन शुरू हो गया। नगर पंचायतों से लेकर शहर के मोहल्लों में भी मवेशी पाले जाने लगे। जिले में दुधारू पशुओं की संख्या लगभग दोगुना हो गई। इससे दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हुई है जिससे पशु पालकों की आय बढ़ गई।
विश्व पशु दिवस विशेष
-प्रयागराज जिले में कोविड के बाद पशु पालन की बढ़ी ललक, गोवंशों की बढ़ गई संख्या
-गंगापार में फूलपुर, व सोरांव तो यमुनापार में करछना, मेजा व कोरांव में बढ़े मवेशी
-1.20 लाख गोवंश जिले में तीन वर्ष में बढ़े, 2019 में थे 1.50 लाख गोवंश
-2.30 लाख महिषवंशीय तीन साल में बढ़े, पहले 3.10 लाख थी इनकी संख्या
-10.15 लाख हो चुकी है जनपद में कुल पशुओं की संख्या, भेड़-बकरी भी बढ़ीं
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। वैसे तो आपदा में अवसर पूरे देश ने तलाशा है मगर प्रयागराज की पावन धरा पर अनोखा प्रयास हुआ है। कोविड के दौरान दूसरे शहरों से अपने घर लौटे लोगों में ज्यादातर ने पशुपालन में रुचि दिखाई। इससे उन्हें न सिर्फ अपने घर के लिए दूध की व्यवस्था हुई बल्कि रोजगार भी मिला।
कोविड के बाद बढ़ गया पशु पालन
यहां गांव-गांव और घर-घर पशु पालन शुरू हो गया। नगर पंचायतों से लेकर शहर के मोहल्लों में भी मवेशी पाले जाने लगे। आलम यह हो गया कि जिले में दुधारू पशुओं की संख्या लगभग दोगुना हो गई। इससे दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हुई है, जिससे पशु पालकों की आय बढ़ गई।
प्रयागराज में 10 लाख से ज्यादा दुधारू पशु
प्रयागराज जिले में कोरोना के बाद मवेशियों की तादाद हर साल बढ़ रही है। इस समय 10 लाख 15 हजार दुधारू मवेशी हो चुके हैं। पिछले तीन वर्षों में लगभग साढ़े चार लाख पशुओं की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2019 में लगभग पांच लाख 65 हजार दुधारू मवेशी थे। कोरोना काल के दौरान गांवों में लोगों में पशु पालन को लेकर उत्साह बढ़ा है। यही वजह है कि भैंस की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
भैंस समेत तमाम पशुओं की संख्या में बढ़ोतरी
गांव-गांव दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ी है। पशु पालन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक गंगापार के फूलपुर, सोरांव तथा यमुनापार के कोरांव, मेजा और करछना क्षेत्र में एक लाख भैंस बढ़ गईं। वैसे गोवंशों की भी तादाद बढ़ी है। भेड़-बकरियों के साथ ही घोड़ा-घोड़ी, खच्चर, ऊंट और हाथी की भी संख्या बढ़ गई है।
मुख्य पशु चिकित्साधारी ने बताया
कोरोना काल के दौरान से ही पशु पालन में लोगों का उत्साह बढ़ा है। खासतौर पर गायों और भैैंसों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पंजाब और हरियाणा तक से भैैंस लाई गई हैैं।
डा.आरपी राय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी