100 फीट गहरे कुएं में गिरा बिल्ली का बच्चा, फायर ब्रिगेड ने बचाया तो जस्टिस के निवास में बजी तालियां
एल्गिन रोड स्थित हार्टलाइन चौराहे के पास रहने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर तैनात कर्मचारियों की सक्रियता और दमकलकर्मियों की सूझबूझ से बिल्ली के बच्चे की जान बचा ली गई। यह देखकर कर्मचारियों के साथ ही दमकलकर्मी भी खुश हो गए
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। सिविल लाइंस स्थित एल्गिन रोड स्थित हार्टलाइन चौराहे के पास रहने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर तैनात कर्मचारियों की सक्रियता और दमकलकर्मियों की सूझबूझ से बिल्ली के बच्चे की जान बचा ली गई। यह देखकर कर्मचारियों के साथ ही दमकलकर्मी भी खुश हो गए क्योंकि उनकी मेहनत सफल हो गई थी। जस्टिस निवास में मौजूद लोग ताली बजाने लगे। यही नहीं कुएं से निकालने के बाद दमकलकर्मियों ने बिल्ली के बच्चे को काफी देर तक दुलारा भी और फिर यहां से निकले।
और यूं म्याऊं म्याऊं करते बिल्ली जा गिरी कुएं में
न्यायमूर्ति के आवास परिसर के पीछे पुराना कुआं है। यहां एक बिल्ली रहती है। कुछ दिन पहले कुएं के पास बिल्ली ने चार बच्चों को जन्म दिया। बिल्ली के बच्चे कहीं गहरे कुएं में न गिर जाए, इसलिए आवास में काम करने वाले कर्मचारियों ने तीन बच्चों को कुएं से दूर हटा दिया, लेकिन मंगलवार शाम एक बच्चा उसमें गिर गया। यह देखकर कर्मचारियों ने 5:57 बजे अग्निशमन विभाग को फोन किया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी डा. आरके पांडेय ने तत्काल टीम को वहां भेजा। एफएसओ नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल अमर बहादुर यादव, फायरमैन शिवमूरत यादव, संजीव कुमार, विनोद सिंह, मेराज अहमद, नागेंद्र प्रसाद पांडेय, शौकत अली आदि पहुंचे।
और फिर बड़ी सूझबूझ के साथ निकाला गया बच्चे को
एफएसओ नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि कुआं करीब सौ फीट गहरा था। बिल्ली का बच्चा गिरने के बाद कुएं के एक कोने में दुबका था। कुआं पतला था और उसमें पाइप लगी थी, जिस कारण उसमें नीचे उतरना संभव नहीं था। कुएं में गैस होने की आशंका पर पहले पाइप से पानी की बौछार की गई। गारद में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ ही कर्मचारियों ने भी मदद की। करीब आठ बजे टोकरी में पानी भरकर रस्सी से उसे नीचे लटकाया गया। बिल्ली के बच्चे के पास पानी भरी टोकरी पहुंची तो वह उसमें कूद गई, जिसके बाद उसे धीरे-धीरे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। यह देखकर सभी के चेहरे खिल उठे। एफएसओ ने बताया कि एसडीआरएफ की टीम को भी सूचना दी गई थी लेकिन उसके वहां पहुंचने की नौबत नहीं आई।