प्रयागराज में दो हजार से अधिक गाड़ियों का फिटनेस, इंश्याेरेंस, परमिट खत्म, रोड टैक्स भी बकाया
जिले में छोटे से लेकर बड़े दो हजार से अधिक वाहन गलत तरीके से सड़क पर दौड़ रहे हैं। इसमें बस टेंपो ई-रिक्शा आटो छोटा हाथी पिकप शामिल हैं। इसमें किसी का फिटनेस तो किसी का इंश्याेरेंस परमिट समाप्त हो चुका है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री द्वारा अवैध तरीके से सड़क पर परिवहन करने वाले वाहनों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए जाने के बाद संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारी अलर्ट हो गए हैं। जिले में छोटे से लेकर बड़े दो हजार से अधिक वाहन गलत तरीके से सड़क पर दौड़ रहे हैं। इसमें बस, टेंपो, ई-रिक्शा, आटो, छोटा हाथी, पिकप शामिल हैं। इसमें किसी का फिटनेस तो किसी का इंश्याेरेंस, परमिट समाप्त हो चुका है। तीन सौ से अधिक वाहनों का तो रोड टैक्स बकाया है।
प्रयागराज जनपद में अनफिट स्कूल वाहनों की संख्या ही पिछले माह 1100 थी। संभागीय परिवहन विभाग ने अभियान चलाया तो करीब 750 वाहनों का फिटनेस कराया गया जबकि 350 का अभी तक अता-पता नहीं है। 49 टूरिस्ट स्लीपर बसों का तो फर्जी पते पर पंजीयन था। इनका भी फिटनेस पांच वर्ष से समाप्त हो चुका है और यह भी कहीं न कहीं सड़क पर दौड़ रही हैं। इसके अलावा 800 से अधिक टेंपो, डग्गामार करने वाली बसें, छोटा हाथी, पिकप का फिटनेस, इंश्योरेंस, परमिट समाप्त जो चुका है। इनमें से 50 फीसद से अधिक का रोड टैक्स भी बकाया है। दर्जनों की संख्या में ऐसे ई-रिक्शा हैं, जिनमें नंबर प्लेट ही नहीं लगी है। एआरटीओ प्रशासन डा. सियाराम वर्मा का कहना है कि कागजात अधूरे होने के बाद भी जो वाहन परिवहन करते हैं, वह अवैध की श्रेणी में आते हैं। ऐसे वाहनों के संचालन पर अंकुश लगाने के लिए आधा दर्जन टीमों का गठन कर तेजी से कार्रवाई कराई जाएगी।
प्राइवेट कार से होती है डग्गामारी
कार में सवारी बैठाने के लिए वाहन काे कामर्शिलय करना जरूरी होता है। साथ ही नेशनल के साथ ही स्टेट परमिट भी होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता है। वाराणसी, लखनऊ समेत कई जनपदों के लिए अवैध तरीके से ये कारें संचालित होती हैं। यही नहीं दिल्ली, मप्र, राजस्थान, पंजाब समेत अन्य राज्यों के लिए भी सवारी लेकर आते-जाते हैं।
जिले में एक भी वाहन स्टैंड नहीं
जनपद में एक भी वाहन स्टैंड नहीं है। सिविल लाइंस, बाई का बाग, चंद्रलोक चौराहा, कमला नेहरू रोड, रामबाग, लीडर रोड, तेलियरगंज, फाफामऊ बाजार, अलोपीबाग चुंगी, बांगड़ धर्मशाला, लेप्रोसी मिशन चौराहा समेत कई ऐसे स्थान हैं, जहां से बस, टेंपो वालों ने स्टैंड बना रखा है। जबकि अधिकृत तौर पर यह वाहन स्टैंड नहीं हैं। संभागीय परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में एक भी वाहन स्टैंड नहीं है। जबरन उक्त स्थानों पर वाहन खड़ा करके सवारियों को भरा जाता है। टीम द्वारा जब कार्रवाई की जाती है तो चालक वाहन लेकर भाग निकलते हैं। लेकिन अब यहां नियमित अभियान चलाकर इसे समाप्त कराया जाएगा।