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Prayagraj Municipal Corporation : गंगा की सफाई के लिए निगम खरीदेगा स्कीमर मशीन

Prayagraj Municipal Corporation केंद्र सरकार की पहल पर नमामि गंगे योजना के तहत करीब चार साले पहले एक स्कीमर मशीन चेन्नई से ठीके पर मंगाई गई थी। उसके संचालन का खर्च सरकार उठा रही थी। स्थानीय स्तर पर निगरानी की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 04:06 PM (IST)
Prayagraj Municipal Corporation : गंगा की सफाई के लिए निगम खरीदेगा स्कीमर मशीन
प्रयागराज नगर निगम गंगा सफाई के लिए स्‍कीमर मशीन खरीदेगा।

प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेले के नजदीक आते ही नगर निगम प्रशासन को गंगा की सफाई की फिर याद आई है। मोक्षदायिनी की नियमित सफाई के लिए निगम ने स्कीमर मशीन खरीदने के लिए ई-टेंडर निकाल दिया है। उम्मीद है कि अगले साल जनवरी में संगम तट पर लगने वाले माघ मेले के पहले यह मशीन आ जाएगी और फिर गंगा की सफाई शुरू हो जाएगा।

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केंद्र सरकार की पहल पर नमामि गंगे योजना के तहत करीब चार साले पहले एक स्कीमर मशीन चेन्नई से ठीके पर मंगाई गई थी। उसके संचालन का खर्च सरकार उठा रही थी। स्थानीय स्तर पर निगरानी की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की थी। हालांकि एजेंसी का काम ठीक न होने से पिछले वर्ष दिसंबर मेें ठीका समाप्त कर दिया गया। तब से गंगा की सफाई का काम बंद है। अब सरकार ने निगम को खुद स्कीमर मशीन खरीदने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए 15 वें वित्त में बजट का भी प्रावधान किया गया है। करीब एक करोड़ रुपये की प्रस्तावित लागत से मशीन खरीदने के लिए ई-टेंडर निकाला जा चुका है।

अब खर्च का बोझ भी उठाना पड़ेगा

यह मशीन गंगा की ऊपरी सतह पर तैरने वाले फूल, माला, दोने-पत्तल, खर-पतवार एवं अन्य सामग्रियों को एकत्रित करेगी। दिन भर में इकट्ठे कचरे के निस्तारण की भी व्यवस्था की जाती है। मशीन के संचालन में कम से कम आठ से 10 कर्मचारियों की भी जरूरत पड़ेगी। इन कर्मचारियों के वेतन समेत मशीन के संचालन पर हर महीने करीब तीन से चार लाख रुपये खर्च का अनुमान है। यह बोझ अब निगम प्रशासन को ही उठाना पड़ेगा।

बोले, नगर निगम के पर्यावरण अभियंता

नगर निगम के पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा कहते हैं कि प्रयास है कि माघ मेले के पहले मशीन खरीद ली जाए। मशीन के संचालन का पूरा खर्च अब निगम को ही उठाना पड़ेगा।


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