Prayagraj Municipal Corporation: लाइसेंस शुल्क न देने वाले ई-रिक्शा इस खबर को जरूर पढ़ें वरना हो जाएंगे परेशान
Prayagraj Municipal Corporation मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरू होते ही कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लाइसेंस शुल्क ई-रिक्शा चालकों ने नहीं जमा किया। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने भी दबाव नहीं बनाया। शासन का निगम पर टैक्स बढ़ाने के दबाव पर ई-रिक्शा चालकों पर शिकंजा कस दिया गया।
प्रयागराज, जेएनएन। लाइसेंस शुल्क न जमा करने वाले ई-रिक्शा चालकों पर प्रयागराज नगर निगम प्रशासन ने शिकंजा कस दिया है। ऐसे रिक्शा चालकों के खिलाफ निगम के लाइसेंस विभाग द्वारा धर-पकड़ तेज कर दी गई है। चार-पांच दिनों से लगातार दर्जनों ई-रिक्शा पकड़कर निगम परिसर में खड़े कराए जा रहे हैं। इससे ई-रिक्शा चालकों में खलबली मच गई है। लाइसेंस शुल्क भुगतान पर ही ई-रिक्शे छोड़े जा रहे हैं।
इस वित्तीय वर्ष में ई-रिक्शा चालकों ने नहीं जमा किया लाइसेंस शुल्क
ई-रिक्शा चालकों को आरटीओ कार्यालय में अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराने के अलावा हर साल नगर निगम के लाइसेंस विभाग में लाइसेंस शुल्क भी जमा करना होता है। हालांकि मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरू होते ही कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण लाइसेंस शुल्क ई-रिक्शा चालकों ने नहीं जमा किया। इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने भी दबाव नहीं बनाया।
महापौर अभिलाषा गुप्ता के निर्देश पर चालकों से पेनाल्टी नहीं लिया जा रहा
अब शासन का निगम पर टैक्स बढ़ाने का दबाव पड़ा तो ई-रिक्शा चालकों पर शिकंजा कस दिया गया। महापौर अभिलाषा गुप्ता के निर्देश पर चालकों से पेनाल्टी नहीं लिया जा रहा है। हालांकि जिन चालकों ने लाइसेंस शुल्क नहीं जमा किए हैं, उनके ई-रिक्शे लाइसेंस इंस्पेक्टरों द्वारा पकड़कर निगम परिसर में खड़ाए कराए जा रहे हैं। लाइसेंस शुल्क की फीस 571 रुपये है। आरटीओ कार्यालय में पांच हजार से ज्यादा ई-रिक्शों के रजिस्ट्रेशन का अनुमान है।
पर नगर आयुक्त ने यह कहा
अपर नगर आयुक्त रत्नप्रिया का कहना है कि ई-रिक्शा चालकों को हर साल लाइसेंस शुल्क जमा करना होता है। वह सोचते हैं कि आरटीओ में रजिस्ट्रेशन करा लेना ही पर्याप्त है। कोरोना के कारण करीब 10-11 महीने लाइसेंस शुल्क नहीं जमा हुए। अब इसके लिए अभियान शुरू किया गया है।