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Prayagraj Kumbh : प्रयागराज में शाही स्नान के साथ कुंभ 2019 का आगाज, घाटों पर उमड़े लाखों श्रद्धालु

मकर संक्रांति के पर्व पर संगम पर स्नानार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। यह सैलाब आधी रात से ही संगम और विविध घाटों पर पहुंच गया था और शुभ मुहूर्त में ही डुबकी लगानी शुरू कर दी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 09:28 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 10:15 AM (IST)
Prayagraj Kumbh : प्रयागराज में शाही स्नान के साथ कुंभ 2019 का आगाज, घाटों पर उमड़े लाखों श्रद्धालु
Prayagraj Kumbh : प्रयागराज में शाही स्नान के साथ कुंभ 2019 का आगाज, घाटों पर उमड़े लाखों श्रद्धालु

प्रयागराज, जेएनएन। (Prayagraj Kumbh) संगमनगरी प्रयागराज में आज शाही स्नान के साथ कुंभ 2019 विधिवत रूप से आरंभ हो गया। यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु मकर संक्रांति के पर्व पर संगम पर स्नान करने के लिए कल आधी रात के बाद से ही कुंभ नगरी में एकत्र हो गए थे।कुंभ के प्रथम शाही स्नान पर्व मकर संक्रांति पर सुबह नौ बजे तक लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि  मकर संक्रांति स्नान रात्रि लगभग ढाई बजे शुभ मुहूर्त से शुरू हो गया। अनुमान है कि शाम तक लगभग सवा करोड़ लोग स्नान करेंगे।

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(Kumbh 2019)मकर संक्रांति के पर्व पर संगम पर स्नानार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा है। यह सैलाब आधी रात से ही संगम और विविध घाटों पर पहुंच गया था और शुभ मुहूर्त में ही डुबकी लगानी शुरू कर दी। कुंभ मेला का पहला शाही स्नान भी आज है। अखाड़ों के शाही स्नान आज करीब 4 बजे शाम तक चलेगा। इसमे अखाड़ों के लिये अलग अलग समय स्नान के लिए निर्धारित किया गया है। हर अखाड़े के लिए करीब 40 मिनट का समय तय किया गया है। निर्धारित समय में उन्हें स्नान कर लेना है।

भोर से ही अखाड़ों का शाही स्नान देखने के लिए वहां पर श्रद्धालुओं ने काफी इंतजार भी किया। अखाड़ों के स्नान के लिए संगम घाट को भी खाली कराया गया है।

प्रयागराज कुंभ में आज मकर संक्रांति पर शाही स्नान जारी है। जहां एक ओर अखाड़े शाही स्नान कर रहे हैं, वहीं करोड़ों श्रद्धालु भी संगम की त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। परंपरा के मुताबिक, सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा ने सुबह 6.15 बजे शाही स्नान किया।

सबसे बड़े अखाड़े ने संगम में शान से स्न्नान किया। महामंडलेश्वर, मण्डलेश्वर, श्रीमहंत, महंत शाही सवारी से संगम पहुंचे। बड़ी संख्या में नागा सन्त नाचते जयकारा लगाते संगम पहुंचे। किन्नर अखाड़ा भी जूना में शामिल हुआ है। 

इसके बाद अटल अखाड़े के महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, महंत व श्रीमहंत ने शाही स्नान किया। उसके बाद निरंजनी और आनन्द अखाड़ा शाही स्नान करेगा। तीसरे क्रम में यहां पर जूना अखाड़े के साथ ही अग्नि व आवाहन अखाड़े के साधु-संत शाही स्नान करेंगे। इसके बाद तीनों वैष्णव अणी अखाड़े दिगम्बर, निर्मोही और निर्वाणी अखाड़ा स्नान करेगा। दोनों बैरागी अखाड़े नया उदासीन और बड़ा उदासीन अखाड़े स्नान करेंगे। सबसे अंत में निर्मल अखाड़े के संत स्नान करोंगे।

किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायन त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर सन्यासी भी शाही स्नान के कारवां में शामिल हुए। जूना के साथ किन्नर अखाड़ा के आ जाने से भव्य आकर्षण रहा। सुरक्षा में जवान तैनात रहे। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सबसे बड़े अखाड़े ने स्नान किया।

अनुमान के मुताबिक आज करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। कुंभ में छह शाही स्नान हैं जो 55 दिनों तक चलेगा। इस दौरान करीब 15 करोड़ लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए पुण्य कमाएंगे।

शीतलहरी के बाद भी संगम के किनारे जनसैलाब उमड़ा है। यहां पर लोग दान-पुण्य भी कर रहे हैं। नदी के साथ ही तट पर भी सुरक्षा व्यवस्था काफी मुस्तैद है। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए यहां पर तैयारी की काफी मजबूत है।

अक्षयवट में प्रवेश दो दिन रहेगा बंद

पहला शाही स्नान तथा मकर संक्रांति पर भारी भीड़ के कारण 15 और 16 जनवरी को श्रद्धालु अक्षयवट का दर्शन नहीं कर सकेंग। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते पुलिस ने यह फैसला किया है। अपर कुम्भ मेला अधिकारी दिलीप त्रिगुणायत ने इस बाबत जानकारी दी।

छह प्रमुख तिथियां

मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, वसन्त पंचमी, माघी पूर्णिमा, महाशिवरात्रि। पौष महीने की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। जो 2019 में 21 जनवरी को होगी इसके बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है। कुंभ मेले में पांचवां स्नान 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा के दिन होगा। कहते हैं कि इस दिन सभी हिंदू देवता स्वर्ग से संगम पधारे थे और इसी दिन कल्पवास व्रतधारी स्नान कर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। इस दिन बहस्पति गुरु की भी पूजा की जाती है। कुंभ मेले का आखिरी स्नान महा शिवरात्रि के दिन होगा 4 मार्च को है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन का देवलोक में भी इंतजार रहता है।


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