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Prayagraj Junction: यहां तो निजी सवारी वाहनों के चालकों की चलती है मनमानी, यात्रियों से होती है बदसलूकी

Prayagraj Junction प्रयागराज जंक्‍शन के प्‍लेटफार्म नंबर छह के बाहर रिक्शा ई-रिक्शा व ऑटो चालकों का वर्चस्व कायम है। नई दिल्ली-वाराणसी वंदेभारत एक्सप्रेस समेत अन्‍य ट्रेनों के आने पर ये पहुंचे जाते हैं। कई बार यात्रियों को असहजता भी महसूस होती है। मजबूरी में वे अनदेखी कर चले जाते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 09:45 AM (IST)
Prayagraj Junction: यहां तो निजी सवारी वाहनों के चालकों की चलती है मनमानी, यात्रियों से होती है बदसलूकी
प्रयागराज जंक्‍शन के बाहर निजी सवारी वाहन यात्रियों की परेशानी का कारण बने हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज जंक्शन का काफी नाम है। दिल्‍ली-हावड़ा के साथ ही मुंबई रूट की काफी संख्‍या में ट्रेनें यहां से होकर गुजरती हैं। जाहिर है ऐसे में हजारों यात्रियों की जंक्‍शन पर रोज आवागमन भी होता है। सफर से थके-हारे यात्री जब जंक्‍शन के प्लेटफार्म पर उतरते हैं तो उन्‍हें अपने घर जाने की चिंता रहती है। हालांकि जंक्‍शन से बाहर उन्‍हें मुसीबत झेलनी पड़ती है। इस समस्‍या का कारण है निजी सवारी वाहन। जी हां, निजी सवारी वाहन के कारण यात्री मुसीबत झेलते हैं।

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प्रयागराज जंक्‍शन के प्‍लेटफार्म नंबर छह के बाहर रिक्शा, ई-रिक्शा व ऑटो चालकों का वर्चस्व कायम है। नई दिल्ली-वाराणसी वंदेभारत एक्सप्रेस समेत अन्‍य ट्रेनों के आने पर ये पहुंचे जाते हैं। कई बार यात्रियों को असहजता भी महसूस होती है। मजबूरी में वे अनदेखी कर चले जाते हैं।

दिल्ली-वाराणसी वंदेभारत एक्सप्रेस के यात्रियों की फजीहत

02436 नई दिल्ली-वाराणसी वंदेभारत एक्सप्रेस का प्रयागराज जंक्शन पहुंचने का समय दोपहर 12:10 बजे है। इस वक्त कई रिक्शा, ई-रिक्शा और ऑटो वाले पहुंचे जाते हैं। हद तो तब हुई जब वे प्लेटफार्म नंबर छह के बाहर बने शेड के नीचे रिक्शा चढ़ाकर खड़े हो जाते हैं। कई बार सवारी बैठाने के लिए धक्का-मुक्की की नौबत आ जाती है। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। कई रिक्शा खड़े होने से हालत यह हो जाती है कि पैदल निकलना मुश्किल हो जाता है।

रेलवे के अधिकारियों ने कार्रवाई की बात कही

यात्रियों को सामान के साथ निकलने में ज्यादा जिद्दोजहद करनी पड़ती है। कई यात्रियों का कहना है कि सवारी बैठाने के नाम पर कुछ रिक्शावाले बदसलूकी भी करते हैं। विरोध करने पर मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। फिर भी ऐसा है तो सुरक्षा कर्मियों को भेजकर कार्रवाई कराई जाएगी।

किराए को लेकर मनमानी का भी आरोप

यात्रियों का कहना है कि किराए को लेकर भी मनमानी करते हैं। इन्कार करने पर बाहर से रिक्शा करने की बात कहते हैं। एक रिक्शा वाले से बात न बनी तो कोई जाने के लिए तैयार नहीं होता है। उनका कहना है कि एकजुट होकर सवारियों का शोषण करते हैं।


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