Move to Jagran APP

Prayagraj Jila Panchayat : अध्‍यक्ष पद पर अविश्वास प्रस्ताव पर पुनर्मतदान 13 अगस्‍त को, खेमेबंदी तेज

Prayagraj Jila Panchayat जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह और फूलपुर सांसद केसरी देवी में लंबे समय से रार चल रही है। दोनों बारी-बारी से जिला पंचायत अध्यक्ष पर काबिज रही हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 02:58 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 04:49 PM (IST)
Prayagraj Jila Panchayat : अध्‍यक्ष पद पर अविश्वास प्रस्ताव पर पुनर्मतदान 13 अगस्‍त को, खेमेबंदी तेज
Prayagraj Jila Panchayat : अध्‍यक्ष पद पर अविश्वास प्रस्ताव पर पुनर्मतदान 13 अगस्‍त को, खेमेबंदी तेज

प्रयागराज, जेएनएन। जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर पुनर्मतदान की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आती जा रही है, दोनों खेमों की सक्रियता बढ़ गई है। दोनों ही अपने-अपने विश्वासपात्र सदस्यों से लगातार संपर्क में हैं। कोशिश यही है कि आखिरी वक्त तक सदस्य बिखरने नहीं पाएं, जिससे उनकी संख्या बल मजबूत रहे। इसे मजबूत करने में दोनों पक्षों ने पूरा जोर लगा दिया है। फैसला 13 अगस्त को होना है।

loksabha election banner

जिपं अध्यक्ष रेखा सिंह व फूलपुर सांसद केसरी देवी में है रार

जिला पंचायत अध्यक्ष रेखा सिंह और फूलपुर सांसद केसरी देवी में लंबे समय से रार चल रही है। पिछले कई सालों से दोनों बारी-बारी से जिला पंचायत अध्यक्ष पर काबिज रहीं। वर्ष 2016 में जब चुनाव हुआ तो रेखा सिंह सपा में थीं और केसरी देवी बसपा में। बाद में केसरी देवी भाजपा में शामिल हो गईं। वर्ष 2018 में केशरी देवी ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तब रेखा सिंह दो मतों से हार गई थीं। वह हाईकोर्ट गईं तो उन्हें बहाल कर दिया गया। इस आदेश के खिलाफ केसरी देवी सुप्रीम कोर्ट गई। वहां से पुनर्मतदान कराने का आदेश हुआ।

रेखा सिंह व केशरी देवी दोनों भाजपा में हैं

वैसे इससे पहले जिले में सियासी समीकरण भी बदले। सपा छोड़ रेखा सिंह भी भाजपा में शामिल हो गईं। अब तनातनी के चलते फिर पुनर्मतदान की बात आई तो भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस स्थिति को टालने का प्रयास किया। चूंकि दोनों सत्ताधारी पार्टी में हैं, इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता नहीं चाहते कि आमने-सामने की स्थिति बने। उनका मानना है कि इससे गुटबाजी बढ़ेगी। दोनों पक्षों को पिछले दिनों लखनऊ बुलाया गया था। वहां पर सप्ताह भर से अधिक समय तक वरिष्ठ नेताओं के दरबार में मंथन चला लेकिन मामला सुलझा नहीं। दरअसल लड़ाई सामने कम और पर्दे के पीछे ज्यादा है। जानकारों का दावा है कि भाजपा के ही कुछ वरिष्ठ असंतोष को हवा दे रहे हैं।

अपना दावा, अपनी बात

हम अपने काम पर भरोसा करते हैं और अधिकतर सदस्य हमारे पक्ष में है। इस मामले को लेकर हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हुई है और समझौते का भी प्रयास किया जा रहा है। यदि ऐसा होता है तो अच्छा रहेगा।

- रेखा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष

हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। दो साल पहले अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बावजूद उसे नहीं माना गया था। इसलिए हमें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। अब समझौते की बात नहीं, पुनर्मतदान में स्थिति साफ हो जाएगी।

- सांसद केसरी देवी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.