Cyber Crime तो बढ़े पर जिले में थाना नहीं बन सका, शासन से मिल चुकी है मंजूरी Prayagraj News
जिले में साइबर अपराध तो लगातार बढ़ रहे हैं पर साइबर थाना बनने का इंतजार ही किया जा रहा है। शासन ने तो इसके लिए मंजूरी भी दे दी है लेकिन हीलाहवाली भी इस ओर बनी है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के चलते पुलिस की कार्यप्रणाली में भी अहम बदलाव की उम्मीद है, लेकिन साइबर थाना बनाने जैसा महत्वपूर्ण काम अब तक पूरा नहीं हो सका है। यह हाल तब है, जब लॉकडाउन और फिर अनलॉक-1 में साइबर क्राइम के मामले में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
साइबर अपराध और अपराधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा
प्रयागराज स्थित आइजी रेंज कार्यालय में साइबर थाना बनना है। इस प्रस्ताव को शासन से मंजूरी भी मिल चुकी है। कई माह बीत जाने के बावजूद यहां न तो साइबर क्राइम के जानकार पुलिस कर्मियों की तैनाती हो सकी है और न ही संसाधन मिल सका है। रेंज के प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी और फतेहपुर जिले में होने वाले साइबर क्राइम के मामलों की विवेचना और निस्तारण इसी थाने से होने की बात कही गई है। योजना के मूर्त रूप न लेने से साइबर अपराध और अपराधियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
...तो इसलिए पीडि़तों को त्वरित न्याय नहीं मिल पाता
अधिकारियों का कहना है कि केवल प्रयागराज जिले में ही पहले एक दिन में दो से दिन मुकदमे होते थे लेकिन अब इनकी संख्या पांच से आठ तक पहुुंच रही है। थानों पर इसकी विवेचना में कई तरह की कठिनाई आती है, जिससे भुक्तभोगियों को त्वरित राहत नहीं मिल पाती है।
यूपीएसएसएफ के गठन से मिलेगी राहत
पुलिस थाने और लाइन से कई पुलिस कर्मियों की ड्यूटी कचहरी व एयरपोर्ट पर सुरक्षा में लगती है। जिला अदालत में ही दो दारोगा, चार हेड कांस्टेबल, 97 सिपाही और 62 होमगार्ड की ड्यूटी लगती है। इसी तरह एयरपोर्ट की सुरक्षा में भी सिविल पुलिस के कई जवान तैनात रहते हैं। मगर अब प्रदेश सरकार के उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के गठन से राहत मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि इसमें अभी वक्त लगेगा, लेकिन कचहरी जैसे अन्य स्थानों की सुरक्षा यूपीएसएसएफ के हवाले होने से सिविल पुलिस के जवान थाने पर शिकायतों का निस्तारण व अपराध पर अंकुश लगाने का काम कर सकेंगे।
बोले आइजी रेंज केपी सिंह
आइजी रेंज केपी सिंह कहते हैं कि साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन उनका निस्तारण करने में कई तरह की कठिनाई होती है। साइबर थाना बनाने का काम चल रहा, पर प्रगति अपेक्षापूर्ण काफी धीमी है। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।